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इनमें आठ दुकानें धौलपुर की एवं दो दुकानें भरतपुर की हैं। प्रदेश सरकार की आरजीएचएस योजना घोटालों की भेंट चढ़ी नजर आ रही है। इसकी वजह यह है कि कर्मचारी एवं पेंशनर्स दवाओं के नाम पर घरेलू सामान भी ले रहे हैं।
इससे पहले भी कर्मचारियों ने दवाओं के नाम पर मेडिकल स्टोर्स से काजू-बादाम खाए थे। अनाप-शनाप बिल कटने और दवा की जगह घरेलू सामान लेने की शिकायतें नहीं थमने के बाद जयपुर की टीम ने हाल ही में दोनों जिलों में कार्रवाई की तो सामने आया कि आज भी कर्मचारी और पेंशनर मेडिकल स्टोर से दवा के नाम पर अन्य घरेलू सामान ले रहे हैं।
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संदिग्ध ट्रांजिक्शन वाले कार्ड होंगे निरस्त
सतर्कता दल ने कहा है कि बंद किए मेडिकल स्टोर से ऐसे कर्मचारी एवं पेंशनरों की जानकारी जुटाई जा रही है, जिनका ट्रांजिक्शन संदिग्ध है। इनके कार्डों को चैक किया जा रहा है। इसके बाद संदिग्ध ट्रांजिक्शन वाले कार्डों को निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।