दो दिन पहले मां से कहा था चिंता मत कर जल्द आऊंगा पर घर आया जवान का शव
-भरतपुर के गांव पीराका का पैतृक निवासी, लंबे समय से जयपुर में रह रहा परिवार, निवारू में सैन्य सम्मान से होना अंतिम संस्कार

भरतपुर. जिले के नगर के गांव पीराका निवासी भारतीय सेना की यूनिट तीन राजपूताना राइफल में कार्यरत हवलदार दाताराम जाट 28 जनवरी को छुट्टियां काटकर गया था। दो दिन पहले ही मां सिंगारी देवी से फोन पर बात करते हुए कहा था कि मां यहां सबकुछ ठीक है। खतरे वाली कोई बात नहीं है। चिंता मत कर जल्द दुबारा आऊंगा, लेकिन जवान का शव ही घर आया है। उसी दिन उसने मां को कुछ रुपए भी खाते में भेजे थे।
जयपुर के पास निवारू में रहे रहे भरतपुर के पीराका गांव निवासी भारतीय सेना की यूनिट 3 राजपूतना राइफल में कार्यरत हवलदार दाताराम जाट (45) का जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में एलओसी के पास सैन्य गतिविधि के दौरान अपना फर्ज निभाते हुए निधन हो गय। उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। निवारू गांव स्थित शिवम बिहार चतुर्थ प्लॉट संख्या-20 में शहीद हुए दाताराम पिछले करीब आठ साल से पत्नी व बच्चों के साथ रह रहे थे और अभी गत माह 28 जनवरी छुट्टियां काट कर ड्यूटी पर गए थे। हवलदार दाताराम के निधन की सूचना परिजनों को उनके साथी विरेन्द्र सिंह शेखावत के माध्यम से परिजनों को मिली तो घर में कोहराम मच गया और मृतक की पत्नी व बच्चे बेसुध हो गए। 3-राजपूताना राइफल में कार्यरत मृतक के साथी विरेन्द्र सिंह शेखावत व ओमप्रताप सिंह ने बताया कि शनिवार को शहीद दाताराम का शव श्रीनगर से हवाईजहाज से दिल्ली रवाना किया। जहां से सड़क मार्ग से शहीद का शव निवारू शिवम विहार करीब नौ बजे पहुंचेगा। निवारू स्थित मोक्ष धाम पर सेना के जवान दाताराम का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जवान दाताराम के निधन की सूचना पर भरतपुर से उनके भाई, परिजन व रिश्तेदार जयपुर के निवारू गांव पहुंच गए।
24 साल की नौकरी में 17 साल जम्मू-कश्मीर में दी सेवा
थ्री राजपूताना राइफल में कार्यरत दाताराम के साथी ओमप्रताप सिंह राजावत ने बताया कि शहीद हुए दाताराम ने अपनी नौकरी के 24 साल में करीब 17 साल जम्मू-कश्मीर में सेवाएं दी। वहीं एक बार विदेश में भी सेन्य सेवा देने का मौका मिला।
परिजनों की रुलाई देख फूट पड़े आंसू
निवारू शिवम विहार में शहीद हुए दाताराम (फौजदार) के दिवंगत होने की सूचना मिलने के बाद उनकी पत्नी पिंकी देवी, बड़ी बेटी ज्योति, छोटी बेटी सिमरन व इकलौते पुत्र शिवा फौजदार फफक पड़े और एक बार तो उनको विश्वास नहीं हुआ कि अभी 23 दिन पहले ही घर से खुशी-खुशी ड्यूटी पर गए थे और अचानक उनके दिवंगत होने की खबर आ जाएगी। पत्नी व बच्चों की रूलाई देख ढांढस बंधवाते मृतक आस पास के लोगों की रुलाई फूट पड़ी।
परिवार गांव में करता खेती
भरतपुर के नगर तहसील के पीराका निवासी दाताराम के भाई गुलाब सिंह ने बताया कि उनका परिवार गांव में रहता है सेना में कार्यरत बड़ा भाई दाताराम का परिवार जयपुर में रहता है। मृतक के सबसे बड़े भाई सुबेदार मोरध्वज में सेना में सेवा दे चुके है। वहीं श्याम सिंह व गुलाब सिंह गांव में रहते है। पिता तुलाराम की पहले मौत हो चुकी है, वहीं मृतक जवान की माता सिंगारी देवी, बहनों रामवती, ओमवती को भी अपने लाडले के दिवंगत होने की सूचना दी गई।
सैन्य सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
कुपवाड़ा में सैन्य गतिविधि के दौरान शहीद हुए दाताराम का रविवार को निवारू के मोक्षधाम पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। सेवानिवृत साथी बिशन सिंह ने बताया कि दाताराम की अंतिम यात्रा शिवम विहार निवास से रवाना होकर बाइपास निवारू रोड होकर, बस स्टैंड होते हुए मोक्षधाम पहुंचेगी जहां गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। मृतक हवलदार चार भाइयों में से तीसरे नम्बर का था। बड़ा भाई भी सैनिक था। बड़े भाई के दो बेटे भी सैनिक है।
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