
जहां पौधारोपण कर खनन रोकने का दावा, वहां धड़ल्ले होता मिला अवैध खनन
भरतपुर/पहाड़ी. वन विभाग के अधिकारियों का हर बार बड़ा झूठ पकड़ा जा रहा है। जहां वन विभाग की ओर से पौधारोपण करने व रास्तों को काटने के साथ ही खाई खोदकर अवैध खनन रोकने का दावा किया था, अब उन्हीं स्थानों पर विभाग झूठा साबित हो रहा है। बृजांचल के वन संरक्षित पहाड़ों पर वन विभाग के रिकार्ड में लाखों रुपए की लागत से पौधारोपण दिखा रखा है, लेकिन मौके पर शनिवार को सुनेहरा के पहाड़ में अवैध खनन होता मिला है। इसकी शिकायत हरिबोल बाबा ने कामां दौरे पर आए जिला कलेक्टर डॉ. नथमल डिडेल से फोन पर की तो लिखित में मुख्यमंत्री के नाम उपखण्डाधिकारी पहाड़ी को शिकायती पत्र सौंपा है।
कामां में वन विभाग सुनेहरा के प्रतिबंधित पहाड़ में गत वर्ष पौधारोपण करना बता रहा है वहीं खनन रोकने के लिए मौके पर खोदी गई खाई, कटे रास्ते मौके पर अवैध खनन नहीं होने का दावा कर रहा है। वहीं शनिवार को निजी वन सुरक्षा दल के मौके पर पहुंचने पर खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया। दल को देखकर खनन माफिया खनन के पत्थरों को मौके पर पटक कर फरार हो गए। खनन माफियाओं ने मौके पर काटे गए रास्तों को भरकर दुरस्त कर दिया है। इसमें से खनन से भरे वाहनों का आवगमन जारी है। जबकि वन विभाग आज भी रास्ते कटे होने अवैध खनन नहीं होने को दावा कर रहा है। सवाल इसलिए भी उठता है कि आखिर बार-बार वन विभाग के अधिकारियों के झूठ बोलने के बाद भी स्थानीय व जिला प्रशासन चुप्पी साधकर क्यों बैठा हुआ है। इस मामले की सूचना बाबा हरिबोलदास ने शनिवार को कामां दौरे पर आए जिला कलेक्टर नथमल डिडेल को दी।
कहीं रास्ता काटना तो नहीं विभाग का दिखावा
बाबा हरिबोल ने 14 सितम्बर को एडीएम डीग को शिकायत कर धरने की चेतावानी दे डाली तो वन विभाग ने 15 सितम्बर को टायरा, अकबरपुर, लेवड़ा, कनवाड़ी के पहाड़ों के रास्ते कटवा कर अवैध खनन रोकने का नाटक कर दिया। जब पत्रिका ने 18 सितम्बर को वन विभाग को झूठ पकड़ा धडल्ले से पहाड़ों पर अवैध खनन शीर्षक से चरण पहाड़ी पर हो रहे अवैध खनन का खुलासा किया तो वन विभाग हरकत में आया। इसके बाद भी अब खानापूर्ति की जा रही है।
-इस वर्ष बौलेखेड़ा के पहाड़ पर 50 हेक्टेयर में पौधारोपण किया गया। गत वर्ष सुनेहरा, चामड़ माता के पहाड़ में किया गया। वर्तमान खाई खुदी है रास्ते कटे हुए है वहां कोई भी अवैध खनन नहीं हो रहा है। टायरा, अकबरपुर, लेवड़ा, कनवाड़ी के रास्ते 15 सितम्बर को रास्ते काट दिए गए थे।
विक्रम सिंह
रेंजर वन विभाग कामां
Published on:
20 Sept 2020 02:15 pm
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