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नगर निगम के भाजपा के 22 पार्षद, लेकिन प्रदर्शन में अकेले नजर आ रहे नेता प्रतिपक्ष

locationभरतपुरPublished: Jul 23, 2021 02:42:30 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-सियासी प्रदर्शन या कलह: सफाईकर्मियों के स्थायीकरण की मांग को लेकर नगर निगम गेट पर तालाबंदी

नगर निगम के भाजपा के 22 पार्षद, लेकिन प्रदर्शन में अकेले नजर आ रहे नेता प्रतिपक्ष

नगर निगम के भाजपा के 22 पार्षद, लेकिन प्रदर्शन में अकेले नजर आ रहे नेता प्रतिपक्ष

भरतपुर. नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष का चयन होने के बाद से ही भाजपा के पार्षदों के बीच खींचतान चल रही है। इसका एक और नजारा गुरुवार को उस समय देखने को मिला। जब सफाई कर्मियों के साथ कपिल फौजदार नेता प्रतिपक्ष नगर निगम की ओर से सफाई कर्मियों की लंबे समय से चली आ रही स्थायीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे। कहने को नगर निगम में भाजपा के 22 पार्षद हैं, लेकिन प्रदर्शन के दौरान नेता प्रतिपक्ष को छोड़कर एक भी पार्षद नजर नहीं आया। प्रदर्शन में निगम के स्थायीकरण नहीं किए जाने पर नगर निगम कार्यालय गेट की तालाबंदी एवं प्रदर्शन किया गया। करीब 30 मिनट तक उसके उपरांत मथुरा गेट थाना अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर गेट को खुलवाया।
कपिल फौजदार ने बताया कि नगर निगम में वर्ष 2018 में सफाई कर्मियों की भर्ती की गई। करीब 350 सफाई कर्मियों की सफाई कर्मियों को तीन वर्ष हो चुके हैं लेकिन इनका स्थायीकरण नहीं किया गया है। इनका परिवीक्षाकाल पूरा चुका है। स्थायीकरण की मांग को लेकर महापौर एवं आयुक्त से कई बार लिखित एवं मौखिक ज्ञापन एवं निवेदन किया जा चुका है लेकिन अभी तक स्थायीकरण नहीं किया गया है। सफाईकर्मी जो कि आमजन का मल मूत्र गंदगी की सफाई करते हैं एवं शहर को साफ एवं स्वच्छ रखते हैं और वैश्विक महामारी कोरोना कालखंड अपनी जान की परवाह न करते हुए लगातार अस्पतालों, कोरोना सेंटर सफाई कार्य एवं श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार किए हैं। स्थायीकरण न किए जाने से इनके परिवार का पालन पोषण सही प्रकार से नहीं हो पा रहा है। मानसिक तनाव से परिवार गुजर रहा है। जब प्रोविजन पीरियड पूर्ण हो चुका है तो सरकार की ओर से दिए जाने वाले लाभ मिलने चाहिए वह भी नहीं मिल रहे हैं। इस अवसर पर सफाईकर्मचारियों के नेता सुभाष घई ने भी विचार रखे।
…मतलब नेता प्रतिपक्ष के मनोनयन का हो रहा विरोध

चयन होने के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष कपिल फौजदार की ओर से विभिन्न मुद्दों को लेकर जितने भी धरना-प्रदर्शन किए गए हैं, उनमें अभी तक एक भी प्रदर्शन में उनके अलावा भाजपा का कोई भी पार्षद नजर नहीं आया है। इसके पीछे तर्क बताते हैं कि उनके मनोनयन को लेकर पार्षदों के बीच विरोध हो रहा है। यह मामला प्रदेश तक पहुंच चुका है। क्योंकि वरिष्ठ पार्षदों को नियुक्ति में तवज्जो नहीं दी गई है।
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