19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

निर्धारित नियमों के अनुसार ही मिलता है शहीद का दर्जा

-जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सेवानिवृत कर्नल केवीएस ठैनुआ ने स्पष्ट की स्थिति

2 min read
Google source verification
निर्धारित नियमों के अनुसार ही मिलता है शहीद का दर्जा

निर्धारित नियमों के अनुसार ही मिलता है शहीद का दर्जा

भरतपुर. पिछले कुछ दिन से शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विवादों को देखते हुए अब जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने नियमों का उल्लेख करते हुए स्थिति स्पष्ट की है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सेवानिवृत कर्नल केवीएस ठैनुआ ने स्पष्ट किया है कि सैनिक अथवा अद्र्धसैनिकों की मृत्यु होने पर उन्हें शहीद का दर्जा तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से प्रदत्त सुविधाएं उन शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाती हैं जिनकी मृत्यु युद्ध के दौरान दुश्मन, उग्रवादी, नक्सलियों के साथ संघर्ष या उनके खिलाफ सेना की कार्रवाई करते समय हुई हो। सैनिक की मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा प्रदान करने के लिए बैटल केज्युअलटी (मृत्यु) प्रमाण पत्र आर्मी हेडक्वाटर्स तथा अद्र्धसैनिक की मृत्यु होने पर सम्बंधित पैरामिलिट्री फोर्सेज के अभिलेख कार्यालय की ओर से ऑपरेशन केज्युअलटी प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बताया कि बैटल केज्युअलटी अथवा ऑपरेशन केज्युअलटी प्रमाण पत्र मिलने पर ही केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले कारगिल पैकेज के परिलाभ प्रदान किए जाते हैं तथा शहीद का दर्जा व गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी जाती है। कारगिल पैकेज में शहीद की वीरांगना को पांच लाख रुपए की तत्काल नकद सहायता सहित 25 लाख रुपए के अतिरिक्त इंदिरा गांधी नहर परियोजना फेज द्वितीय में 25 बीघा भूमि अथवा हाउसिंग बोर्ड का एमआईजी मकान या तत्काल नकद सहायता सहित 50 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इस पैकेज में माता-पिता के नाम से तीन लाख रुपए की सहायता, शहीद की वीरांगना या उसके पुत्र या अविवाहित पुत्री को लेवल-10 तक के पदों पर नियोजित किया जाता है। नौकरी योग्य होने तक शहीद की वीरांगना की ओर से यह अधिकार बच्चों के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है। बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाती है तथा राजस्थान रोडवेज बस में यात्रा के लिए नि:शुल्क रोडवेज पास जारी किया जाता है। डिस्कॉम की ओर से शहीद के परिवार के सदस्य के नाम की कृषि भूमि पर तत्काल प्राथमिकता से एक विद्युत कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान भी है। एक विद्यालय/औषधालय/चिकित्सालय/पंचायत भवन/मार्ग/पार्क/अन्य सार्वजनिक स्थान का नामकरण शहीद सैनिक के नाम से किया जाता है।

इनको नहीं माना जा सकता शहीद

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने स्पष्ट किया कि ऐसे सैनिक जिनकी मृत्यु किसी बीमारी, सड़क दुर्घटना, करंट लगने से या आत्महत्या अथवा अन्य कारण से हुई हो, वे शहीद की श्रेणी में नहीं आते हैं और उनको इस पैकेज के परिलाभ देय नहीं हैं। अत: ऐसे मृत सैनिकों के परिजन एवं आश्रित भ्रमवश अथवा बहकावे में आकर यह पैकेज प्रदान किए जाने के लिए अनुचित दबाव न बनाएं तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने में जिला प्रशासन की मदद करें। अधिक जानकारी के लिए तथा किसी भी प्रकार की शंका होने पर निवारण के लिए जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय के फोन नम्बर 05644-223707 पर सम्पर्क किया जा सकता है।


बड़ी खबरें

View All

भरतपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग