रूक्टा में दो फाड़…राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग पर बरसा दूसरा गुट
-18 मई को प्रस्तावित था एक गुट का रूक्टा का क्षेत्रीय सम्मेलन, दूसरा गुट आज डूंगरगढ़ (बीकानेर) में कर रहा सम्मेलन, एमएसजे कॉलेज के प्राचार्य ने सम्मेलन को स्वीकृति देने से कर दिया था इंकार
रूक्टा में दो फाड़…राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग पर बरसा दूसरा गुट
भरतपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (रूक्टा) के क्षेत्रीय सम्मेलन को लेकर यह संगठन अब दो गुटों में नजर आ रहा है। दोनों ही गुट एक-दूसरे को नियमों के अनुसार गलत बताने में जुटे हुए हैं। जहां एक गुट ने 18 मई को भरतपुर के एमएसजे कॉलेज में क्षेत्रीय सम्मेलन की घोषणा की थी तो दूसरा गुट बीकानेर जिले के डूंगरगढ़ में आज ही सम्मेलन कर रहा है। चूंकि एमएसजे कॉलेज में प्रस्तावित क्षेत्रीय सम्मेलन को प्राचार्य ने स्वीकृति नहीं दी थी। इसको लेकर अब राजनीतिक दावपेंच की भी बात सामने आ रही है। बुधवार को एक गुट ने प्रेस कॉफ्रेंस कर राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग पर ही इस संगठन को परदे के पीछे से संचालित करने के आरोप लगाए। साथ ही कहा कि उन्होंने ही एमएसजे कॉलेज के प्राचार्य को फोन कर सम्मेलन को स्वीकृति नहीं देने के लिए कहा था। एमएसजे कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग में हुई प्रेस कॉफ्रेंस में प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य प्रो. अरविंद वर्मा ने कहा कि संगठन के शैक्षिक क्षेत्रीय अधिवेशन के लिए दूरभाष पर प्राचार्य परमजीत एवं कार्यवाहक प्राचार्य ओम प्रकाश सोलंकी से 14 मई को सैद्धांतिक सहमति प्राप्त करने के पश्चात 15 मई को प्राचार्य एमएसजे कॉलेज को संबोधित ईमेल से अधिवेशन के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने एक से अधिक बार प्राचार्य को फोन करके दबाव बनाया और अनुमति से इंकार करने के लिए आदेशित किया, इनकी मिलीभगत का प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि प्राचार्य की ओर से लिखा गया पत्र प्रेस की ओर से छपने से पहले सोशल मीडिया पर प्रचारित और प्रसारित कर दिया गया। इस मामले में डॉ. सुभाष गर्ग की ओर से अति सक्रियता दिखाने का कारण यह है कि वे संगठन में आरोपित शिक्षकों को सह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. प्रदीप पाराशर को सन् 2007 में देरा श्री प्रभारी के पद पर लिखित आदेश से तत्कालीन महामंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने ही नियुक्त किया था, तब से लेकर सन 2021 तक प्रदीप पाराशर देरा श्री प्रभारी रहे थे। प्रदीप पाराशर रीट प्रकरण के भ्रष्टाचार में गिरफ्तार रहने के बाद हाइकोर्ट से जमानत पर छूटे हैं। संगठन की ओर से विधिवत तरीके से निकाले जाने से क्षुब्ध होकर एक मार्च को इस असंतुष्ट समूह ने फर्जकारी एवं कूटरचित दस्तावेजों के सहारे संगठन बनाने की घोषणा कर दी। घासीराम चौधरी के निर्वाचन संबंधी पत्र के साथ शिक्षकों के फर्जी हस्ताक्षर युक्त दस्तावेज प्रयोग में लाए गए और हस्ताक्षरों के एक ही हूबहू सेट को दोनों प्रस्तावों के साथ लगाकर न सिर्फ संगठन बनाने की घोषणा की अपितु पंजीयन कार्यालय में पंजीयन भी करा लिया गया। जबकि प्रस्ताव के समर्थन में प्रस्तुत हस्ताक्षरों में स्कूल शिक्षक, आर्मी मेन, ठेकेदार, सेवानिवृत्त शिक्षकों के भी हस्ताक्षर लिए गए थे जो पूर्णत: अवैध है।
महामंत्री बनय सिंह बोले… -रूक्टा का सम्मेलन डूंगरगढ़ बीकानेर में हो रहा है। किसी की ओर से भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। हमारा संगठन नियमों के तहत सही है। लगता है कि हमारे संगठन की अच्छी कार्यशैली व शिक्षक वर्ग के लगाव के कारण यह बात कुछेक को अच्छी नहीं लग रही है। संगठन के हर दस्तावेज को नियमों के अनुसार सही माना गया है। आरोप कोई भी लगा सकता है। सभी आरोप बेबुनियाद है। सम्मेलन में सभी शिक्षक जुटे हैं। कुछ लोगों की ओर से भरतपुर में सम्मेलन कराने का झूठा प्रचार किया जा रहा था। रूक्टा की नवीन गठित कार्यकारिणी को एआईफुक्टो के जनरल सेकेट्ररी प्रो. अरुण कुमार की अध्यक्षता में कोटा में आयोजित 11-12 अप्रेल को 45वें वैधानिक अधिवेशन में शपथ ग्रहण कराई गई थी। रूक्टा की इस नवीन गठित कार्यकारिणी का सोसायटी एक्ट में पंजीकरण भी हो चुका है।