
नेताजी के खास ठेकेदारों को छोड़ी, बाकी काली सूची में
भरतपुर. समय पर काम नहीं करने और बार-बार समझाने पर निविदा शर्तों के उल्लंघन पर नगर निगम ने चार बड़े ठेकेदारों को छह माह के लिए काली सूची में डाल दिया है। उनकी जमानत राशि भी राजसात की गई है। नगर निगम में लापरवाह ठेकेदारों की वजह से निर्माण कार्यों में लगातार देरी हो रही है। इसके अलावा कई ठेकेदारों की तरफ से घटिया निर्माण सामग्री का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। अब तक यह ठेकेदार रसूख के दबाव में बचे हुए थे। हालांकि अभी भी राजनीतिक दबाव में कुछ ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाई है। नगर निगम आयुक्त ने चार ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया है। वहीं सुजान गंगा के सौंदर्यीकरण के लिए निगम की ओर से नई निविदा जारी कर मैसर्स अविनाश को इसका काम दिया गया है। हालांकि अभी इसके वर्क ऑर्डर जारी नहीं किए गए है।
दरअसरल, शहर के विकास कार्य के लिए नगर निगम की ओर से विभिन्न संवेदकों को निविदा जारी कर काम करने का वर्क ऑर्डर दिया गया था, लेकिन ठेकेदारों की ओर से निर्धारित समय पर काम पूरा नहीं करने और निगम की ओर से जारी नोटिसों का संतोषजनक जबाब नहीं देने पर चार संवेदकों को छह माह के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया है। इसके चलते निगम क्षेत्र में कई विकास कार्यों की गति का पहिया थम सा गया है। हालांकि निगम प्रशासन इन ब्लैकलिस्ट किए गए ठेकेदारों के शेष कार्य को पूरा कराने के लिए नई निविदा शीघ्र ही जारी करेगा। इसके बाद ही इन कार्यों को गति मिल सकेगी।
दो प्रतिशत अमानत राशि भी हुई जब्त
नगर निगम ने निर्धारित समय पर कार्यों को पूरा न करने के चलते ब्लैकलिस्ट किए गए संवेदकों की दो प्रतिशत अमानत राशि भी जुर्माने के रूप में जब्त की है। यह राशि संवेदक के पूर्व में किए गए कार्यों के किसी भी बिल के भुगतान से काटी जाएगी। वहीं इन छह माह में इन संवेदकों में सुधार नहीं आया और विकास कार्यों में ऐसी लापरवाही बरतने पर उनका रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किया जा सकता है।
खुद पार्षद भी कर रहे ठेकेदारी
हकीकत यह है कि नगर निगम के पार्षद भी लंबे समय से ठेकेदारी कर रहे हैं। ऐसे में खुद नगर निगम प्रशासन भी इनके खिलाफ कार्रवाई करने से कतराता है। पार्षदों ने परिजनों व रिश्तेदारों के नाम पर ठेकेदारी का रजिस्ट्रेशन करा रखा है। हालांकि पिछले कुछ समय से अब नगर निगम व यूआईटी में तो रसूख के दबाव में दो-तीन बड़े ठेकेदारों का प्रभुत्व कायम हो गया है। इनके खिलाफ राजनीतिक दबाव में नगर निगम के अधिकारी भी कार्रवाई करने से कतराते हैं। क्योंकि नगर निगम प्रशासन के साथ-साथ राजनेताओं का मूक समर्थन भी प्राप्त है।
ये फर्म इन कार्यों में हुई ब्लैकलिस्ट
1. फर्म : चौधरी कंस्ट्रक्शन
कार्य : गिर्राज कैनाल नहर की पटरी पेवर सड़क निर्माण कार्य, गांव त्यौंगा में पोखर से कॉलेज मोड़ तक पेवर सड़क निर्माण कार्य, वार्ड नं. 58 व पप्पू सैनी से तोताराम सैनी, मंजू हॉस्पिटल से अमर सिंह मदन मोहन, पूर्व पार्षद भगवान सिंह, राजपूत बस्ती, भगवती स्कूल और गुलाल कुण्ड तारा चक्की सहित वार्ड नं. 30 में कई स्थानों पर सीसी सड़क, इंटरलॉकिंग टाईल्स व नाली निर्माण कार्य।
2. फर्म : मैसर्स उदय कंस्ट्रक्शन
कार्य : वार्ड नं. 38 में तेजसिंह के मकान से सुलभ कॉम्पलेक्स तक आरसीसी स्लैब से नाला पटाव।
3. फर्म : मैसर्स बिरेन्द्र ङ्क्षसह
कार्य : नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में नाली/क्रॉस एवं फेरोकवर लगाने का वार्षिक कार्य।
4. फर्म : मैसर्स केके कंस्ट्रक्शन
कार्य : सुजान गंगा पर सौंदर्यीकरण के लिए रेलिंग लगाने का कार्य।
इनका कहना है ...
- निर्धारित समय में कार्यों को पूरा न करने के चलते चारों को संवेदकों को छह माह के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया है। इससे पहले इन्हें समय-समय पर नोटिस भी दिए गए, लेकिन संतोषजनक जबाब नहीं देने के कारण यह कार्यवाही की गई है। अब शीघ्र ही नई निविदा जारी कर दूसरी फर्म से इन कार्यों को कराया जाएगा।
विनोद चौहान, एक्सईएन, नगर निगम
Published on:
07 May 2022 02:51 pm
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