
समय पर नहीं समर्थन, बुरे वक्त में लाहा किसान
भरतपुर. जिले सहित प्रदेशभर किसान इस समय किसान दोहरी मार झेलने को मजबूर हो रहे हैं। एक तो मौसम की और दूसरी सरसों के भाव भी पूरे नहीं मिल रहे हैं। फसल के आखिरी समय पर हुई बारिश के कारण किसान का पूरा बजट डगमगा गया है। अब सरसों को कुछ समय बाद भी नहीं बेच सकता, क्योंकि सरसों गीली होने के कारण खराब होने का डर सता रहा है। ऐसे में किसान कम भावों में बेचने को मजबूर हो रहे हैं। किसानों को उम्मीद थी कि यदि इस समय ही समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो जाती तो कुछ राहत मिल जाती।
पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण सरसों, गेहूं व चने की फसल को नुकसान हुआ है। हालत यह है कि गेहूं तो अभी खेतों में ही खराब हो रहा है और सरसों की कटी फसल पर बेमौसम बारिश की मार हुई है, ऐसे में सरसों के खराब होने का डर किसानों को सता रहे हैं। इस डर की वजह से किसान कम भाव में ही सरसों को बेच रहा है।
गत वर्ष इस समय सरसों का भाव 7500 रुपए क्विटंल तक सरसों बिकी थी, लेकिन इस बार 5100 रुपए क्विंटल बिक रही है। वह भी भीगी सरसों का भाव कम मिल रहा है और भीगी सरसों को किसान घर में रखने की स्थिति में भी नहीं है, कि कहीं ज्यादा नुकसान हो जाए। फसल बीमा वाली फसलों को तो कुछ सरकार की ओर से मिल भी जाएगा, लेकिन जिन फसलों का बीमा नहीं है, उन किसानों को आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि 33 प्रतिशत से कम नुकसान पर तो कुछ नहीं मिल रहा है।
सरकारी खरीद का इंतजार
बारिश से खराब हो रही सरसों का पर्याप्त भाव नहीं मिल रहा है, ऐसे में सरकार फसल खराबे के मामले में सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। गीली सरसों को घर में रखने से भी नुकसान हो रहा है और बेचने पर भी पूरा भाव नहीं मिल रहा है। ऐसे में सरकारी खरीदी शुरू हो जाती तो किसानों को कुछ राहत मिल जाती।
-संजय झा, किसान, बछामदी
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मंडी में रोज आ रही है 3 हजार क्विंटल सरसों
मंडी में रोजाना 2500 से तीन हजार क्विंटल सरसों की आवक हो रही है, लेकिन बारिश के बाद की सरसों भीगी हुई आ रही है। दूसरी ओर, कोटा, गंगापुर, हिंडौन, बारां आदि क्षेत्रों ने करीब 20 से 25 हजार क्लिंटल सरसों सीधी मिलों में जा रही है। अभी सरसों के हिसाब से भाव मिल रहा है। गीली सरसों में कम तेल निकलने के कारण कम भाव है। ऐेसे में किसानों को सरकारी खरीदी का इंतजार है। जो एक अप्रेल से शुरू होने की उम्मीद है। मंडी में सरसों की गुणवत्ता के आधार पर भाव मिलता है, लेकिन सरकारी खरीदी में 5450 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है।
-भूपेन्द्र गोयल, सरसों व्यापारी, भरतपुर।
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जिले में सरसों की कटाई पूरी
जिले में सरसों की बुवाई करीब 2.62 लाख हैक्टेयर में की गई थी, जिसकी 100 प्रतिशत कटाई हो चुकी है। जबकि गेहूं की कटाई अभी जारी है। अभी तक सिर्फ 25-30 प्रतिशत ही गेहूं की कटाई हुई है। जो भी अभी ज्यादातर खेतों में ही पड़ा है। ऐसे में बेमौसम बारिश से गेहूं को और ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।
-देशराज सिंह, अतिरिक्त निदेशक, कृषि विभाग।
Published on:
27 Mar 2023 10:55 am
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