पांच साल तक पहनाए मांग-मांग कर कपड़े… पड़ोसियों ने बताया कि मृतक कन्नू इतना चंचल था कि वह कब किस पड़ोसी के घर जाकर खाना खाकर आ जाए उसकी मां को भी पता नहीं चलता था। उसका पिता चंद्रशेखर गांधीनगर में ही किराए के मकान में परिवार के साथ रहता है। निजी बस पर चालक की नौकरी कर रहा था। आर्थिक हालत खराब होने के बाद भी वह बेटे और बेटी को हर खुशी देने की कोशिश कर रहा था। लॉकडाउन में घर चलाने में भी परेशानी आने के बाद भी दो जनवरी को बेटे का जन्मदिन मनाया था। उसी दिन बेटे कन्नू को साइकिल भी दिलाई थी। बालक का शव देखकर वहां पड़ोसी भी आंसू बहने से नहीं रोक सके। परिजनों ने बताया कि देवी मां से मनौतियां मांगने के बाद वह जन्मा था। इसलिए उसके मां-बाप मांगकर उसे कपड़े पहनाते थे।
एक दिन पहले ही बोला था…दादी अब तो शादी करनी पड़ेगी 55 वर्षीय ओमवती ने बताया कि कन्नू को देखकर और बात कर कभी भी ऐसा नहीं लगता था कि हम उसके पड़ोसी है। वह जब भी घर से बाहर निकलता तो जिससे भी मिलता था, उससे बिना बात किए नहीं जाता था। एक दिन पहले ही कॉलोनी बैंड-बाजा बज रहे थे तो बोला दादी अब तो शादियों का सीजन शुरू हो गया था, लगता है अब तो शादी करनी पड़ेगी। जब उसे पकडऩे की कोशिश की तो वह भाग गया। ओमवती ने बिलखते हुए कहा कि कॉलोनी में ज्यादातर परिवार उस कन्नू से अच्छी तरह वाकिफ थे। क्योंकि वह नटखट ही इतना था कि एक दिन अगर घर से बाहर नहीं निकले तो चिंता होने लगती थी।
हादसे की असल वजह…अतिक्रमण, एक साल में पांच की मौत हादसे की असल वजह एक और सामने आई है कि वहां आसपास मौजूद बिल्डिंग मैटेरियल की दुकानों के सामने निर्माण सामग्री पड़ी हुई है। इससे आवागमन में भी परेशानी हो रही है। इस कारण बीच सड़क पर ही ऑटो व अन्य वाहनों को यात्रियों को उतारना पड़ता है। सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण पिछले करीब डेढ़ साल से वन-वे की स्थिति बनी हुई है। इसको लेकर कुछ संगठनों की ओर से पिछले दिनों आंदोलन भी किया गया था। तब जाकर नगर सुधार न्यास ने समस्या निराकरण का आश्वासन दिया था। हकीकत यह है कि इस एरिया में ही पिछले एक साल में करीब पांच लोगों की दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है।