जहां चार साल पहले अवैध खनन की जांच, उसे दबाकर बैठे रहे अफसर
-नांगल में स्टोन क्रशर्स के पास बड़ी मात्रा में अवैध खनन का मामला, इतना बड़ा गड्ढा किया कि पानी तक निकला
-अब दुबारा एसएमई विजिलेंस ने निकाले जांच के आदेश

भरतपुर. पहाड़ी के नांगल में जिस स्थान पर अवैध खनन की जांच करीब चार साल पहले कराई गई थी, वहां अब फिर से अवैध खनन का मामला सामने आया है। इस बार प्रकरण इसलिए भी गंभीर है कि उस स्थान पर इतना बड़ा गड्ढा हो गया कि वहां पानी तक निकल आया है। बड़ी बात यह है कि चार साल तक खनिज विभाग के अधिकारियों ने उस स्थान का सर्वे कराकर अवैध खनन का जुर्माना वसूलने की कार्रवाई तक नहीं की। जबकि चार साल पहले की रिपोर्ट में आसपास स्थित करीब डेढ़ दर्जन स्टोन क्रशर्स की भूमिका को भी इस मामले में संदिग्ध मानते हुए जांच की सिफारिश की गई है। अब मामला सामने आने के बाद इसके लिए जिम्मेदार खनिज विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। जानकारी के अनुसार विभाग के अधिकारियों की मानें तो नांगल में सड़क किनारे एक लीज स्थित है, इस लीज पर लंबे समय से अवैध खनन किया जा रहा है। करीब चार वर्ष पहले शिकायत आने पर उसका निरीक्षण अधिकारियों की टीम ने किया था। इसमें आसपास के स्टोन क्रशर्स की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश की गई। हालांकि इस तरह के गड्ढे खनन पट्टा संख्या 367 व 162 में भी हैं। अभी एसएमई विजिलेंस का पत्र आने के बाद भी अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। मामला इसलिए बड़ा है कि चार साल पहले शिकायत व जांच के बाद भी अगर कार्रवाई की जाती तो इतनी बड़ी मात्रा में इस स्थान पर अवैध खनन कार्य नहीं होता। अब जांच के नाम पर फिर से खानापूर्ति की कवायद की जा रही है। चूंकि जब इस प्रकरण में जिस अधिकारी से भी बात की तो वही अधिकारी बचाव करता नजर आया।
कहां से आ रहा है इतना विस्फोटक
सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि यहां अवैध खनन लंबे समय से चल रहा है, लेकिन इसके लिए विस्फोटक किसके माध्यम से सप्लाई किया जा रहा है। यह बात हमेशा रहस्य बनी रहती है। चूंकि बताते हैं कि वैध और अवैध के बीच विस्फोटक भी डेढ़ गुना कीमत में आसानी से मिल जाता है। इसी कारण पिछले काफी समय से अवैध विस्फोटक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना भी संदेह के घेरे में आता है। बात चाहे जिले के किसी भी इलाके की हो, विस्फोटक की सप्लाई पर सवाल खड़ा होता ही रहा है। परंतु उससे भी आश्चर्य की बात यह है कि संबंधित लाइसेंस धारक के खिलाफ जांच तक नहीं होती है, बल्कि मामला सामने आने पर भी खानापूर्ति कर दी जाती है।
पैनल्टी पर भी सवाल...सालों से अवैध खनन, फिर भी मात्र 10 करोड़ का जुर्माना
नौ अक्टूबर को पुलिस, खनिज विभाग के संयुक्त निर्देशन में हुई कार्रवाई में सामने आया था कि धौलेट के पहाड़ में बड़ी मात्रा में अवैध खनन हो रहा था। इसमें राजनैतिक संरक्षण के चलते विभाग ने ढाई महीने तक पैनल्टी नहीं लगाई। अब सीएमओ के दबाव व मामला एसीबी की नजर में आने के बाद पैनल्टी लगाई गई है। इसमें नौ लीज धारकों पर 10 करोड़ 35 लाख रुपए की पैनल्टी लगाई गई है। अब बताते हैं कि बड़ा सवाल यह है कि आखिर इतने सालों से जिन स्थानों पर इतनी बड़ी मात्रा में अवैध खनन चल रहा था, वहां पैनल्टी के नाम पर कहीं न कहीं अधूरी रिपोर्ट व आंकलन किया गया है। इस प्रकरण में कम पैनल्टी लगाने की शिकायत करने के लिए भी एक गुट सक्रिय हो गया है। इस गुट का दावा है कि पूरे साक्ष्यों के साथ इसकी शिकायत निदेशालय में की जाएगी। क्योंकि स्थानीय व जिलास्तर पर शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है।
-चार साल पहले भी मेरे कार्यकाल में इस स्थान पर अवैध खनन की जांच की गई थी। अब वहां बड़ी मात्रा में अवैध खनन के कारण गड्ढा हो गया है। एमई को जांच कर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। वहां आसपास स्टोन क्रशर्स भी संचालित हैं। एमई व फॉरमैन से बात कर सकते हैं।
राजीव चौधरी
एसएमई विजिलेंस
-एसएमई विजिलेंस से एक पत्र आया है। उस स्थान पर तारबंदी कराने के साथ ही नोटिस दिया जाएगा। खनन पट्टा संख्या के बारे में अभी जानकारी नहीं है। सोमवार को पता कर बता सकता हूं।
तेजपाल गुप्ता
एमई
-मुझे नांगल में अवैध खनन को लेकर अभी तक कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। सोमवार को ही जानकारी कर बता सकता हूं।
भीमसिंह
फॉरमैन, खनिज विभाग
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