
डीग जिले में यह प्रशासन की लापरवाही का ही नमूना है कि 10 दिन पहले ही हरियाणा से राजस्थान तक खनन माफिया गिरोह के अवैध रास्ता बनाने का मामला सामने आया, लेकिन 10 दिन तक खनिज विभाग के एसएमई, एमई समेत संबंधित अधिकारी नींद तक सोते रहे, लेकिन एक दिन पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने फटकार लगाई तो 16 घंटे में ही पूरा सिस्टम एक्शन मोड पर आ गया। जबकि अब तक अधिकारी अवैध रास्ता हरियाणा सीमा में होने का हवाला देकर बचते नजर आ रहे थे।
हालांकि बुधवार सुबह आकस्मिक निरीक्षण के बाद सभी अवैध रास्तों को बंद कर दिया गया है। निरीक्षण में खसरा नंबर 162 के गैर मुमकिन पहाड़ पर भी इस कदर अवैध खनन किया गया है कि वहां पानी तक निकल आया है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने राजस्थान पत्रिका ने 24 अप्रेल के अंक में खननमाफिया ने राजस्थान-हरियाणा के बीच बना दी छह किमी की सडक़ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
जिला कलक्टर उत्सव कौशल व एसपी राजेश मीणा की मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ हुई वीसी में रिपोर्ट मांगी गई थी। सुबह साढ़े आठ बजे खनिज विभाग, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ नांगल खनन जोन पहुंचे। जहां पैमाइश कराने के बाद उन्होंने अरावली पर्वतमाला के पहाड़ को काटकर बने अवैध रास्तों का निरीक्षण किया।
साथ ही गंगोरा-छपरा, विजासना, चिनावड़ा खनन जोन से जुड़े हरियाणा के अवैध रास्तों को जेसीबी व एलएनटी मशीन की मदद से बंद कराया। जिला कलक्टर ने लापरवाही पर खनिज विभाग के फॉरमैन को भी चार्जशीट देने के आदेश दिए हैं। हरियाणा को जोडऩे वाले सभी अवैध रास्तों को जिला कलक्टर उत्सव कौशल ने एलएनटी मशीन बुलाकर काटने के निर्देश दिए। इसके बाद थानाधिकारी योगेंद्र राजावत व सीओ गिर्राज मीणा के नेतृत्व में एसडीएम दिनेश शर्मा की मौजूदगी में रास्ता काटने की कार्रवाई शुरू की गई।
200 फुट तक की गहराई में अवैध खनन, निकला पानी
अधिकारियों के निरीक्षण में सामने आया है कि अवैध खनन से गहरे गढ्ढों में तब्दील पहाड़ में पानी निकलने के बाद भी चल रहे रास्तों पर नाराजगी जताई गई। नांगल के खसरा नंबर 162 में खननमाफियाओं की ओर से 200 फुट से अधिक गहराई तक अवैध खनन कर पानी निकाल दिया। जबकि 36 मीटर गहराई के बाद अवैध खनन नहीं किया जा सकता, जो कि डेंजर जोन होता है।
इतनी गहराई के बाद भी वहां हो रहे अवैध खनन व वहां से आने वाली खनन सामग्री के लिए बने रास्तों, डेंजर जोन में बने रास्ते चालू होने पर जिला कलेक्टर भडक़ उठे कि इन रास्तों को अभी तक काटकर रोका क्यों नहीं गया। इस लापरवाही को लेकर जिला कलक्टर ने फॉरमेन को चार्जशीट देने के खनिज अभियंता को निर्देश दिए और सीएमओ भेजी जाने वाली रिपोर्ट में चार्जशीट देने का हवाला होने के निर्देश दिए।
बड़ा सवाल… ड्रोन सर्वे बना मखौल, पिलर तक नहीं लगे
हकीकत यह है कि इस पूरे मामले में खनिज विभाग के अधिकारी दोषी हैं, क्योंकि जिस तरह अवैध खनन किया जा रहा है, वहां अब तक ड्रोन सर्वे तक नहीं कराया गया है। करीब दो साल पुरानी सर्वे रिपोर्ट धूल चाट रही है। जुर्माना राशि के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। इतना ही नहीं पिट मैजरमेंट के बाद अभी तक अवैध खनन वाली लीजों पर पिलर तक नहीं लगाए गए हैं।
Updated on:
03 Apr 2025 07:30 pm
Published on:
03 Apr 2025 07:26 pm
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