
Rajasthan Election 2023: सौ-पचास लोग जिंदाबाद के नारे लगाते न चलें तो नेताजी का रुतबा ही क्या? दरअसल भीड़ का शक्ति प्रदर्शन ही नेताओं का कद और सियासी वर्चस्व तय करती है ऐसी आमजन की मानसिकता है। इस भीड़ में आधे से ज्यादा आस-पास के गांवों के लोग या खाली बैठे दिहाड़ी मजदूर होते हैं। मगर चुनावी मौसम में भाड़े की भीड़ नेताओं के पसीना छुड़ा रही है।
विधानसभा चुनाव सिर पर हैं... रण सज रहा है। सियासी बिसात बिछ रही हैं। ऐसे में छुटभैये से लेकर दिग्गजों तक को भीड़ चाहिए, लेकिन भीड़ वहीं जाती है, जहां समोसा-कचौरी के साथ पैसा भी मिलता है। इस समय भाड़े की भीड़ की डिमांड इतनी है कि बोली लग रही है। जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा आदि बड़े शहरों में बिल्डिंग, सड़क या मनरेगा में काम कराने वाले ठेकेदार बाकायदा थोक में भीड़ का ठेका ले रहे हैं। पत्रिका पड़ताल के दौरान नेताओं के कार्यक्रम व टिकट के दावेदारों की भीड़ में शामिल दिहाड़ी मजदूरों ने किया खुलासा।
शाम होते ही बढ़ने लगता है मजूदरों का मीटर: चुनावी सभा में विधानसभा क्षेत्र में एक व्यक्ति को लाना हो तो नेताओं को 200 से 300 रुपए प्रति दिन खर्च करना पड़ रहा है। शाम होते ही दिहाड़ी का मीटर बढ़ने लगता है। रात में ठहरना पड़ा तो रहने की व्यवस्था के साथ भाड़ा भी देना होता है। भीड़ बुलाने के लिए आस-पास के गांवों के श्रमिकों को लाया जाता है।
यह भी पढ़ें : Rajasthan Election 2023: राजस्थान कांग्रेस की 21 उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट को लेकर बड़ी खबर
पहली बार पत्रिका ने बताया भीड़ का रेट कार्ड
200 से 300 रुपए रोज एक व्यक्ति की दिहाड़ी
100 रुपए एक बार खाने के मिलते हैं
100 से 150 रुपए रात में रुकने पर अतिरिक्त, ठहरने की व्यवस्था भी
500 रुपए और भोजन तब, जब नेता के साथ स्थानीय शहर में कार्यक्रम
05 घंटे से अधिक समय लगा तो पूरे दिन का पैसा मिलता है
(स्रोत: लक्ष्मण मंदिर पर मजदूरों से बातचीत के आधार पर)
यह भी पढ़ें : राजस्थान के लिए भाजपा की 5वीं लिस्ट को लेकर बड़ी खबर, इनको मिल सकता है टिकट, कई को दे दी गई फोन पर सूचना
पहले मिलता था खाना, अब सिर्फ नकद नारायण
एक नेताजी के समर्थन में आई बुजुर्ग महिला ने बताया कि सब नकद में चलता है। पहले नेता खाने में पूड़ी-सब्जी का डिब्बा बंटवाते थे। गर्मी बढ़ने पर खाना खराब हो जाता था। ऐसे में एक समय के खाने के लिए 100 रुपए अलग से मिल रहे हैं। यानि 200 से 300 रुपए नकद और दो समय खाने के पैसे अलग से मिलते हैं। वहीं, एक बुजुर्ग ने बताया कि गांव में पड़े रहते हैं। इससे अच्छा है घूमना-फिरना हो जाता है और पैसे भी मिल जाते हैं।
Published on:
05 Nov 2023 11:19 am
बड़ी खबरें
View Allभरतपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
