2008 79.63%
2009 80.78%
2010 82.13%
2011 85.54%
2012 86.28%
2013 86.84%
2014 86.78%
2015 87.11%
2016 89.95%
2017 90.41%
2018 89.12%
2019 86.87%
2020 91.72% वरिष्ठ उपाध्याय: जिले में संस्कृत के सिर्फ चार स्कूल फिर भी परिणाम 12.23 प्रतिशत गिरा
-इस साल 80.97 रहा जिले का परिणाम, पिछले साल था 93.20 प्रतिशत
भरतपुर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से जारी 12वीं वरिष्ठ उपाध्याय का परिणाम हर साल गिर रहा है। जहां पिछले साल करीब चार फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी तो एक साल में ही परिणाम 12.23 प्रतिशत गिरा है। इस साल वरिष्ठ उपाध्याय का परिणाम 80.97 प्रतिशत रहा है। पिछले साल भी 3.65 प्रतिशत गिर गया था। जबकि 2018 में 10.74 प्रतिशत का इजाफा कर चार साल का रिकॉर्ड तोड़ा था। अब सवाल यह है कि संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से तमाम सुविधा और प्रयास करने के बाद भी जिले में सिर्फ चार स्कूलों के परीक्षा परिणाम को बेहतर नहीं बनाया जा सकता है तो उनको विकसित क्या खाक करेंगे ? चूंकि पिछले काफी समय से लगातार संस्कृत शिक्षा के स्कूल बंद होते जा रहे हैं। कुछ सालों में ही दर्जनभर से इनकी संख्या चार पर आ टिकी है। जिले का परिणाम वर्ष 2014 में 92, वर्ष 2015 में 82.04, वर्ष 2016 में 74.21, वर्ष 2017 में 86.11, वर्ष 2018 में 96.85 प्रतिशत रहा था।
जिले के परिणाम पर नजर डालें तो वरिष्ठ उपाध्याय की परीक्षा के लिए 102 छात्र व 81 छात्राओं समेत 183 ने आवेदन किया था। इनमें से 183 ही परीक्षा में शामिल हुए। 27 छात्र प्रथम श्रेणी, 49 द्वितीय श्रेणी, चार तृतीय श्रेणी से पास हुए। परिणाम 78.43 प्रतिशत रहा। 31 छात्राएं प्रथम श्रेणी, 35 द्वितीय श्रेणी, दो तृतीय श्रेणी से पास हुए। परिणाम 83.95 प्रतिशत रहा। कुल परिणाम 80.97 प्रतिशत रहा। प्रथम श्रेणी से 58, द्वितीय श्रेणी से 84 व तृतीय श्रेणी से छह उत्तीर्ण हुए। राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय भरतपुर का परिणाम 97.14 प्रतिशत, राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय इंद्रोली का परिणाम 96.77 प्रतिशत, राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय सहनावली का परिणाम शत-प्रतिशत, राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय सैदपुरा का परिणाम 66.67 प्रतिशत रहा। वर्ष 2019 में वरिष्ठ उपाध्याय का परिणाम 93.20 प्रतिशत रहा था। पिछले साल की तुलना छात्रों का 14.34 प्रतिशत व छात्राओं का परिणाम 9.80 प्रतिशत गिरा है। पिछले साल छात्रों का परिणाम 92.77 प्रतिशत व छात्राओं का परिणाम 93.75 प्रतिशत रहा था। हकीकत यह 2018 को छोड़कर हर साल वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा के परिणाम का ग्राफ गिरता जा रहा है, जो कि चिंता का भी विषय बना हुआ है।