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राजस्थान में रोडवेज बस यानी ‘इधर से उधर’!

Roadways bus means 'from here to there' in Rajasthan!

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राजस्थान में रोडवेज बस यानी ‘इधर से उधर’!

बस में कर्टन को रखता रोडवेज बसकर्मी।

-बिना बुकिंग के पार्सल ले जा रहे चालक-परिचालक
-रोडवेज के घाटे में इनका काज!


भरतपुर. रोडवेज बसों (Rajasthan Roadways) में बिना बुकिंग के पार्सलों (parcel) को अपने स्तर पर इधर उधर से कर रहे बस चालक-परिचालक बेरोकटोक उपरी कमाई कर रहे हैं। ताज्जुब की बात है कि इस कारगुजारी के बारे में सभी बड़े अधिकारी जान के भी कदम नहीं उठाते हैं। ऐसे ही कई वजहों के कारण राजस्थान रोडवेज घाटे से उबर नहीं पा रही है जबकि दूसरे राज्यों में सरकारी परिवहन मुनाफे का सौदा है।


छोटे से छोटे, बड़े से बड़े रूट दोनों पर
पार्सलों को इस शहर से दूसरे शहर या फिर इस कस्बे से दूसरे कस्बे तक पहुंचाने के लिए रोडवेज बस चालक-परिचालक बाकायदा इंतजार तक करते हैं। बड़े रूट पर सामान पहुंचाने का अच्छा खासा पैसा चालक-परिचालक कमाते हैं। जबकि छोटे रूट भी रोजवेजकर्मियों को कुछ ना कुछ कमाई जरूर देते हैं।


लिफाफे से लेकर बड़े पैकेट तक
रोडवेज बसों में छोटे से बड़ सभी तरह के पार्सल बिना बुक किए ही रोडवेज बस चालक और परिचालक ले जाते हैं। इसमें रुटीन के लिफाफे भी शामिल होते हैं या फिर कमर्शियल कर्टन भेजे जाते हैं। छोटे व्यापारी तो अक्सर इस स्कीम का फायदा उठाते नजर आते हैं।


हाथ में थमाया और चंद घंटों में सप्लाई
ऐसा नहीं है कि रोडवेज बसों में बिना बुकिंग पार्सलों से रोडवेजकर्मियों को ही ऊपरी कमाई होती है। बुक करने वाले लोग भी मुनाफे में रहते हैं। लोग रोडवेज बस चालकों और परिचालकों को हाथ में थमाते और ऊधर सप्लाई पहुंचाने का इंतजार किया जाता है।


हैलो, श्रीमान जी आपका पार्सल है...
रोडवेज बसों पर पार्सल पहुंचाने के लिए लोग संबंधित रूट की बसों के चालक-परिचालक का फोन नम्बर अपने पास रखते हैं। यहां तक कि वे उस रूट पर चलने वाले चालक व परिचालकों का पता रूट चार्ट से पता लगा लेते हैं। फोन पर पार्सल किसी चौराहे या फिर किसी पाइंट पर पहुंचाने की बात की जाती है। पार्सल मिलने पर बस में चालक व परिचालक सप्लाई जिसको करनी है उसको रास्ते में से ही फोन कर पहुंचने की कहता है।


चैकिंग ना के बराबर
रोडवेज बसों में यात्रियों को चैक करने की फ्लाइंग व्यवस्था है। रोडवेज बसों में बुकिंग पार्सलों की गिनती या फिर चैक करने की व्यवस्था ना के बराबर है। ऐसे में ऐसी कारगुजारी धड़ल्ले से हो रही है।


देखिए, अधिकारी तक मना करते हैं
रोडवेज बसों में सामान रखे जाने की जानकारी मुझे नहीं है। अगर ऐसा है तो मैं इसकी जांच करवाता हूं। यात्रियों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
-मनोज बंसल, मुख्य प्रबंधक, भरतपुर व लोहागढ़ आगार