
सड़क निर्माण में गड़बड़ी देख मंत्री नाराज, जांच को तीन एजेंसियों को भेजा नमूना
भरतपुर. शहर में आयुक्त निवास लेकर जवाहर नगर कॉलोनी समेत गलियों में बन रहे सड़क निर्माण का मामला रविवार को उस समय सुर्खियों में आया, जब वहां से गुजर रहे तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग की नजर उस समय सड़क निर्माण पर पड़ी। उन्होंने सड़क निर्माण में घटिया स्तर की सामग्री लगाने की आशंका पर नाराजगी व्यक्त की।
रविवार को जब राज्यमंत्री जवाहर नगर कॉलोनी से होकर गुजर रहे थे तो उन्होंने सड़क निर्माण कथित गड़बड़ी की आशंका पर नाराजगी जताई और मौके पर मौजूद नगर निगम के अधिशाषी अभियन्ता को निर्देश दिए कि कार्य को बन्द कराकर निर्माण सामग्री के नमूने लें और जांच के लिए तीन अलग अलग एजेन्सियों को भिजवाएं। यदि निर्माण सामग्री घटिया स्तर की पाई जाए तो एजेन्सी को नोटिस देकर उसे ब्लेक लिस्ट करने की कार्यवाही करें। हालांकि इस प्रकरण के बाद नगर निगम के अधिकारी दबी जुबां में सड़क निर्माण में कोई भी गड़बड़ी नहीं होने की बात कहते नजर आए।
बड़ा सवाल...हरेक सड़क की जांच कराएं तो पता चले
हकीकत यह है कि पिछले काफी समय से शहर में सड़कों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी हर बार चुप्पी साध लेते हैं। नीचे से लेकर ऊपर तक कमीशन का खेल छिपा होने के कारण कोई सुनवाई भी नहीं होती है। ऐसे में यह खेल बंद होने के बजाय लगातार चलता ही रहता है।
35 से 40 प्रतिशत तक बिलो रेट, इसलिए गुणवत्ता खराब
नगर सुधार न्यास से लेकर नगर निगम हो या सार्वजनिक निर्माण विभाग या फिर जिले का कोई अन्य निकाय, हर जगह बिलो रेट पर टेंडर लेने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। यह परंपरा बंद होने के बजाय अब और भी बढ़ती जा रही है। शहर में तो टेंडरों की हालत इतनी खराब है कि 35 से 40 प्रतिशत बिलो रेट पर भी टेंडर लिए जा रहे हैं। ऐसे में इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिलो रेट पर टेंडर लेने के बाद ठेकेदार काम किस हद तक सही करेगा। क्योंकि कमीशन की चेन से जुड़ा बिलो रेट पर टेंडर का खेल भी सड़कों की गुणवत्ता खराब करने का जिम्मेदार है।
Published on:
05 Jul 2021 03:52 pm
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