पिछले 13 साल से जयपुर-आगरा हाईवे स्थित स्कीम नंबर 13 में घर बनाने का सपना देख रही शहर की जनता की उम्मीद अब पूरी होने वाली है। क्योंकि नगर विकास न्यास की आवासीय स्कीम-13 पर लगी रोक हट गई हैं। इस स्कीम के लिए शीघ्र आवेदन मांगे जाएंगे
भरतपुर. पिछले 13 साल से जयपुर-आगरा हाईवे स्थित स्कीम नंबर 13 में घर बनाने का सपना देख रही शहर की जनता की उम्मीद अब पूरी होने वाली है। क्योंकि नगर विकास न्यास की आवासीय स्कीम-13 पर लगी रोक हट गई हैं। इस स्कीम के लिए शीघ्र आवेदन मांगे जाएंगे, किन्तु पूर्व में आवेदन भरने वालों को दुबारा आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग की पहल पर न्यास अध्यक्ष ने स्कीम-13 पर लगी रोक हटा ली है। इस स्कीम में 350 आवासीय प्लाट हैं इसके लिए 3500 आवेदन आए थे लेकिन रोक के बाद 2200 आवेदकों ने अपनी जमा राशि वापस ले ली। जानकारी के अनुसार सेक्टर नंबर 13 की 347 हेक्टेयर जमीन है। यह योजना वर्ष 2005 से प्रस्तावित है। करीब 346. 86 हैक्टेयर में बनी इस योजना में 3600 प्लाट हैं। इनमें से 350 प्लाटों के लिए मार्च 2018 में आवेदन मांगे गए थे। जून 2019 में हुई बैठक में यूआईटी ने इसे निरस्त कर दिया था। बाद में राज्य सरकार की ओर से यूआईटी के निर्णय पर रोक लगा दी गई थी।
शहर के बाहर 2 लाख की आबादी बसाने का है प्लान
नगर विकास न्यास द्वारा जयपुर-आगरा राजमार्ग पर बहुप्रतिक्षित आवासीय योजना सेक्टर-13 को भरतपुर का उप नगर माना जा रहा है। इसमें 2 लाख की आबादी को बसाने का प्लान किया गया है। यहां मिनी सचिवालय, कॉलेज, अस्पताल, स्पोटर्स काम्पलेक्स, मार्केट, सामुदायिक भवन, दो स्कूल, 8 पार्क सहित तमाम सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। भूखंडों की रिजर्व प्राइज 9 हजार रुपए वर्गमीटर रखी गई थी। इसकी प्लानिंग 21 सितंबर, 2005 को हुई थी। जबकि एक सितंबर, 2011 को सरकार से स्वीकृति मिली। इसके बाद 3 सितंबर 2014 को 2200 बीघा भूमि पर कब्जा लिया गया। इसे लेकर तमाम तरह के भू स्वामियों से विवाद चलते रहे। इस कारण 19 नवंबर 2017 को वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से मंजूरी मिल सकी। योजना में 4 करोड़ रुपए की लागत से अप्रोच रोड बनाई जा चुकी हैं। इसमें मलाह मोड से सेवर रोड तक का दाएं क्षेत्र, सेवर रोड से हीरादास और काली की बगीची तिराहे तक का अंदरूनी हिस्सा शामिल है। सेक्टर 13 की कुल जमीन 347 हैक्टेयर में से 60 फीसदी जमीन पर आवासीय व व्यवसायिक भूखंड होंगे, जो कि 208 हैक्टेयर भूमि होती है और बाकी 40 फीसदी जमीन पर सामुदायिक भवन, कालेज व दो स्कूल, 8 पार्क वगैरह जनसुविधाओं के लिए है। ऐसे में केवल 208 हैक्टेयर जमीन में भूखंड आवंटित प्रस्तावित हैं।
स्कीम के लिए ये है आवंटित जमीन
ये कालोनी मलाहा मोड से सेवर रोड तक का दाएं क्षेत्र, सेवर रोड से हीरादास और काली की बगीची तिराहे तक का अंदरूनी हिस्सा शामिल है। जिसमें श्रीनगर, नगला तेहरिया, अनाह, रामपुरा, झीलरा, माढौनी, चक नंबर एक के खातेदारों की जमीन शामिल है।
-इस आवासीय स्कीम के लिए शीघ्र आवेदन मांगे जाएंगे, जिन्होंने पूर्व में आवेदन कर दिए हैं, उन्हें दुबारा आवेदन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
उम्मेदीलाल मीणा
सचिव यूआईटी