असल बात ये…रसूख के दवाब में नियम दांव पर अगर नगर निगम से जुड़े ऐसे मामलों पर बात करें तो सामने आया कि अक्सर ऐसे मामलों में रसूख के दवाव में कार्रवाई नहीं की जाती है। चाहे मामला सोनी एकेडमी व सिंधी धर्मशाला के पास बगैर भू-रूपांतरण बड़ा शोरूम चलाने का हो या बगैर स्वीकृति शोरूम का निर्माण का हो। ऐसे सभी मामलों में एक गिरोह के दवाब में आकर इतिश्री कर दी जाती है। हालांकि पूर्व में ऐसे मामलों को लेकर नगर निगम की ओर से कार्रवाई भी की गई थी, लेकिन उसी गिरोह के दवाब में आकर खानापूर्ति भी कर दी गई।
सवाल मांगते जवाब 1. आनंद कोठारी की आपत्ति है कि इस जमीन में 11 फुट चौड़ा रास्ता है, जिसकी पुष्टि सिविल न्यायालय और हाइकोर्ट ने की है। इसके बाद भी इसकी अनदेखी की गई।
2. निगम की ओर से 50 फुट की गहराई तक व्यावसायिक रूपांतरण किया है, जबकि लंबाई करीब 100 फीट से अधिक है। शेष जमीन के अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं? 3. गुलाब कोठारी बनाम राज्य सरकार में निर्देश हैं कि किसी भी सार्वजनिक रास्ते पर अतिक्रमण है तो उसे हटाया जाए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ।
4. निगम ने सात दिसंबर 2020 को धारा 194 में इसे सीज किया था। इसका संबंध अवैध निर्माण या बिना स्वीकृति निर्माण से है तो अब 153 वर्गगज के खोलने की अनुमति ही दी जानी चाहिए। बाकी से अतिक्रमण हटना चाहिए।
5. निर्माण अनुमति नहीं मिलने तक सीज नहीं खोली जा सकती, लेकिन 153 वर्ग गज के व्यावसायिक रूपांतरण पर ही सीज खोलने की अनुमति पत्रावली निदेशालय भेजना गलत है। 6. कई लोगों को रजिस्ट्री कर दुकान बेच दी। ऐसे में मालिकाना हक उन्हीं का है। फिर व्यावसायिक आदेश उन लोगों के नाम सम्मिलित होने चाहिए, लेकिन यहां इकलौते व्यक्ति के नाम आदेश किए हैं।
7. दुकान बेचने के बाद 50 फुट नियमन में नहीं आ रही तो उस जगह को आवासीय माना जाना चाहिए। ऐसे में दुकान टूटने की कार्रवाई होनी चाहिए। 8. मनमर्जी से बनाए व्यावसायिक मार्केट में कहीं भी अग्निशमन नियमों की पालना नहीं की है।
9. बिल्डिंग और सैटबैक नियम विरुद्ध बने हैं। इस पर निगम ने मौन साध रखा है। इनका कहना है… -शुक्रवार को अनुशंषा कर भेज दी थी। स्वीकृति आ गई होगी, मेल पर हो सकती है।
कमलराम मीणा
आयुक्त, नगर निगम
कमलराम मीणा
आयुक्त, नगर निगम
-दूसरी पार्टी ने निदेशक के समक्ष अपील कर रखी है। इसके अलावा सीज खुलने के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
रविंद्र सिंह
सचिव, नगर निगम
रविंद्र सिंह
सचिव, नगर निगम