16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रथम स्तर पर होना चाहिए समाधान, वरना संबंधित कार्मिक होगा दोषी

-अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण विभाग के मंत्री शाले मोहम्मद ने ली बैठक

2 min read
Google source verification
प्रथम स्तर पर होना चाहिए समाधान, वरना संबंधित कार्मिक होगा दोषी

प्रथम स्तर पर होना चाहिए समाधान, वरना संबंधित कार्मिक होगा दोषी

भरतपुर. अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण विभाग के मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि आमजन के छोटे-छोटे प्रकरणों का नियमानुसार स्थानीय स्तर पर ही प्राथमिकता से निस्तारण किया जाए। इससे वे परेशानी से बच सकें। साथ ही लोगों में राज्य सरकार की संवेदनशील एवं पारदर्शिता की छवि भी बरकरार रह सके।
मंत्री मोहम्मद मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की अल्पसंख्यक कल्याण सम्बंधी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आम जनसुनवाई की प्रक्रिया में तब्दीली कर ग्राम पंचायतों का कलस्टर तैयार कर उपखण्ड अधिकारी के निर्देशन में जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किए जाने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कार्यदिवस में एक घंटे की अवधि जनसुनवाई के लिए निर्धारित करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत बजट राशि का समय पर पूर्ण सदुपयोग करें। इससे आमजन को लाभ मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के प्रकरणों का प्राथमिकता एवं समय पर निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की एमएसडीपी योजना एवं केन्द्र की प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत स्वीकृत निर्माण कार्यों को निर्धारित समय सीमा एवं पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा कराएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से पात्र व्यक्तियों को जोडऩे के पश्चात् भी लाभान्वित न होना विभागीय लापरवाही को दर्शाता है, ऐसे प्रकरणों में जबावदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि 181, राजस्थान सम्पर्क पोर्टल एवं अन्य पोर्टलों पर दर्ज प्रकरणों का प्राथमिकता से एल-1 स्तर पर ही निस्तारण करने का प्रयास करें। एल-2 या एल-3 पर प्रकरणों का अग्रेषित होने पर कार्मिक की लापरवाही का घोतक माना जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि लम्बित परिवादों का समय अवधि में गुणवत्ता एवं संतुष्टिपूर्ण तरीके से निस्तारण करें। बैठक में एसपी देवेन्द्र सिंह विश्नोई, एडीएम प्रशासन बीना महावर, एडीएम शहर केके गोयल, जिला परिषद सीईओ राजेन्द्र सिंह चारण, नगर निगम आयुक्त डॉ. राजेश गोयल, सीएमएचओ डॉ. कप्तान सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रत्ती खान, एसडीएम दामोदर सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक राजेन्द्र सिंह गुर्जर आदि उपस्थित थे।