
ताइवानी पपीता ने बदली खेती और किस्मत, आज कमा रहे लाखों
ज्ञानप्रकाश शर्मा
भरतपुर. बीबीएससी के छात्र ने अपनी मेहनत और उद्यानिकी विभाग के वैज्ञानिकों के बताए तरीके से ताइवानी पपीते की खेती शुरू की है। छात्र ने करीब पांच बीघा जमीन पर रेड लेडी 786 किस्म के पपीते के कुल 1500 पौधे लगाए हैं। इसमें एक पौधे पर करीब 80-90 किलो तक पपीते लगते हैं। इस पपीते पौधे की खासियत है कि एक पौधे पर यह सामान्य पपीते की तुलना में अधिक पैदा होते हैं और लंबे समय तक खराब नहीं होते।
नदबई तहसील के विजयपुरा गांव निवासी किसान तेजवीर ङ्क्षसह ने बताया कि उसे ताइवान पपीते की खेती करने की प्रेरणा अपने मित्र से मिली। उसने उद्यानिक विभाग एवं अपने साथी राजवीर ङ्क्षसह की मदद व सोशल मीडिया से इसकी खेती करने के तरीके को जाना। इसके बाद 5 बीघा जमीन में ताइवानी पपीते के पौधे लगाए। वहीं पौधों के बीच में रही खाली जगह में भी गेंदा के फूल, मिर्ची, टमाटर, तरबूज आदि लगाए गए हैं।
देशी पपीते की तुलना में अधिक होती है पैदावार
उन्होंने बताया कि आम तौर पर देशी पपीते के पौधे पर 30-40 किलो पपीते लगते हैं, लेकिन ताइवानी पौधे पर करीब 100 किलो से ज्यादा पपीते लगते हैं। इसमें उत्पादन भी ज्यादा होता है और मार्केट में वेल्यू भी ज्यादा होती है। सामान्य में नर और मादा के अलग पौधे होते हैं, जिनमें मादा पर ही फल आते हैं, जबकि रेड लेडी किस्म के पपीते में दोनों पौधों का मिश्रण होने से प्रत्येक पौधे पर फल आते हैं। उन्होंने खेती में ड्रिप सिस्टम, मल्च और लो टनल तकनीक का इस्तेमाल किया। इस पर उन्हें 75-75 प्रतिशत अनुदान मिला है।
भरतपुर की आबोहवा उपयुक्त
-रेड लेडी ताइवानी पपीता भरतपुर की आबोहवा और भौगोलिक परिस्थितियों में बहुत ही सफल है। एक बीघा में 300 से अधिक पौधे लगाए जा सकते हैं। एक पौधा दो साल तक फल देता है। औसतन एक पौधे पर एक साल में 100 किलो तक पैदावार ले सकते हैं।
-जनकराज मीणा, उपनिदेशक, उद्यान विभाग
Published on:
23 May 2023 09:02 pm
बड़ी खबरें
View Allभरतपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
