
आदि बद्री और कन्काचल पर्वत पर खनन नहीं रोका तो आंदोलन
भरतपुर. डीग क्षेत्र के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल आदिबद्री धाम में शनिवार को महंत शिवराम दास की अध्यक्षता में आदिबद्री पर्वत व पहाड़ी स्थित कंकाचल पर्वत पर खनन की समस्या को लेकर बृहद वैठक का आयोजन हुआ। इसमें सर्वसम्मति से 16 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया। बैठक में जनप्रतिनिधि व ग्रामवासियों ने रोष व्यक्त किया कि जिला प्रशासन व राज्य सरकार को कई बार प्रार्थना करने पर भी ब्रज के प्रमुख धार्मिक पर्वत आदिबद्री व कन्कांचल पर हो रहे खनन को अभी तक नहीं रोका गया है। बल्कि जन भावनाओं की अनदेखी कर खननकर्ताओं को सहयोग करते हुए वृहद् स्तर पर अवैध खनन कार्य व वन भूमि पर असवैधानिक अतिक्रमण को अंजाम दिया जा रहा है।
मान मंदिर बरसाना के अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने कहा कि नवम्बर 2009 में साधु संतों व विश्वभर के कृष्णभक्तों की भावनाओं को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन सरकार ने डीग व कामां तहसील में पड़ रहे ब्रज के पर्वतों को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया था। तब स्थानीय प्रशासन की जानकारी के अभाव के कारण उस दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण पर्वत कन्कांचल व आदिबद्री का कुछ हिस्सा जो कि तहसील नगर व पहाड़ी में पड़ता है एवं ब्रज का अभिन्न अंग है उसे वन संरक्षक क्षेत्र में शामिल नहीं किया गया। जबकि यह वही पर्वत है जिसके रक्षण के लिय विगत 15 वर्षों से साधु-संत, ब्रजवासीजन कृष्णभक्त आदि संघर्षरत्त हैं। आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन का खुला सहयोग होने से खुलेआम खनन हो रहा है। वन भूमि पर कब्जा कर बड़े स्तर पर गैर वानिकी कार्य कर रहे हैं एवं बार-बार अवगत कराने पर भी जिला प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। बैठक में जनसमुदाय ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिवस के अंदर लीज निरस्त नहीं हुई तो सैकड़ों की संख्या में लोग डीग से भरतपुर कूच करेंगे और जिला कलक्ट्रेट पर धरना देंगे। बैठक में पूर्व विधायक गोपी गुर्जर ने घोषणा कि आगामी 3 जनवरी से पसोपा ग्राम से आंदोलन को सफल करने के लिए वृहद जनसंपर्क अभियान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी तक खनन कार्य को बंद करने की कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण जन आन्दोलन करने मजबूर होंगे।
Published on:
26 Dec 2020 11:58 pm
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