मेयर गुट सिर्फ संख्या बता रहा, देर रा तक छिपाते रहे नाम मेयर गुट की ओर से कुल 25 पार्षद मेयर व डिप्टी मेयर सहित भ्रमण पर जाने वालों में बताए गए। नाम बताने से भी इंकार करते रहे हैं। मेयर गुट ने दावा किया कि भाजपा के सात, कांग्रेस के सात, बसपा के दो, निर्दलीय सात निर्दलीय पार्षद भ्रमण पर गए हैं। हालांकि सुबह जिस बस में भ्रमण के लिए पार्षद गए थे, इसमें वार्ड नंबर एक के पार्षद विजय सिंह भारती, वार्ड दो से सिकंदर, पांच से सुरजीत, छह से वीरेंद्र सिंह उर्फ कालू, वार्ड आठ से प्रकाश, वार्ड 14 से मोतीसिंह जाटव, वार्ड 22 से चतुर सिंह सैनी, वार्ड 29 से ऋषिराज सिंह, वार्ड 32 से पंकज गोयल, वार्ड 33 से मुकेश कुमार पप्पू, वार्ड 40 से भूपेंद्र उर्फ चंदा पंडा, वार्ड 44 से रूपेंद्र सिंह जघीना, वार्ड 48 से रामवीर सिंह सीटू, वार्ड 51 से हेमेंद्र सिंह, वार्ड 54 से देवेंद्र सिंह, वार्ड 55 से मोहन सिंह, वार्ड 56 से नरेंद्र सिंह, वार्ड 58 से सतीश सिंह सोगरवाल, 60 से ओमवीर सिंह, 65 से प्रताप भानू, रामेश्वर सैनी को देखे जाने की बात सामने आई है। हालांकि विरोधी गुट ने दावा किया कि वार्ड 34 के पार्षद विष्णु मितल बीच रास्ते में से आ गए। भ्रमण पर सिर्फ कांग्रेस के सात, भाजपा चार, बसपा एक, निर्दलीय 10 पार्षद गए हैं। हालांकि पार्षदों के नामों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही।
अब भ्रमण पीछे की कहानी भी जानिए… -16 जुलाई को मेयर ने यू नोट जारी कर लिखा कि क्षेत्रीय विधायक से बात हो गई है। 21 पार्षदों के अतिरिक्त जो भी पार्षद सफाई व्यवस्था के अवलोकन के लिए इच्छुक हैं उन्हें भी भेजा जाए। इसके लिए 41 पार्षदों का हस्ताक्षर युुक्त सहमति पत्र संलग्न कर फील्ड विजिट हेतु यात्रा कार्यक्रम 21 जुलाई को जाने के लिए पार्षदों की व्यवस्था की जाए।
-नगर निगम आयुक्त ने 19 जुलाई को डीएलबी डायरेक्टर को उक्त यात्रा की अनुमति के लिए पत्र लिखा, लेकिन उनकी 26 जुलाई तक स्वीकृति नहीं आई। -मेयर ने 26 जुलाई को ही यू नोट लिखा कि व्यक्तिगत रूप से डीएलबी के निदेशक दीपक नंदी से बात हुई है। उन्होंने बताया कि निदेशक ने अन्य कार्यों में व्यस्त होने के कारण स्वीकृति अभी नहीं आने की बात कही। उन्होंने मौखिक रूप से चंडीगढ़ भ्रमण पर जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
इनका कहना है -नगर निगम प्रशासन की ओर से भ्रमण की व्यवस्थाएं की गई है। निदेशक ने मौखिक रूप से स्वीकृति दे दी है। यह स्वीकृति ही मानी जाएगी। डॉ. राजेश गोयल
आयुक्त नगर निगम