scriptहम जान की भीख मांगते रहे और पुलिस जानवरों की तरह पीटती रही | The police kept beating like animals | Patrika News

हम जान की भीख मांगते रहे और पुलिस जानवरों की तरह पीटती रही

locationभरतपुरPublished: Oct 22, 2021 12:04:32 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-आगरा अरुण वाल्मीकि केस: तीन दिन तक उत्तरप्रदेश पुलिस की यातना सहन करने वाले मृतक अरुण वाल्मीकि के ससुर अनिल की जुबानी

हम जान की भीख मांगते रहे और पुलिस जानवरों की तरह पीटती रही

हम जान की भीख मांगते रहे और पुलिस जानवरों की तरह पीटती रही

भरतपुर. हमें तो पता ही नहीं था कि उत्तरप्रदेश पुलिस व अटलबंध थाना पुलिस हमें लेने क्यों आए हैं। काफी संख्या में पुलिस वाले साहब आए थे। बेटी, बेटा, दो भतीजे व मुझे आकर उठाया और गाड़ी में डाल लिया। उसके बाद यहां से आगरा लेकर गए। जहां एक थाने में सभी को रखा गया। जीवन में वह पल कभी नहीं भुला सकता कि पुलिस की पिटाई से इतना दर्द होता रहा कि ईश्वर से मौत मांगने लगा। कोई भी पुलिसकर्मी आता तो दो-चार-पांच थप्पड़ और पैर पर डंडे मार जाता। मैं बार-बार जान की भीख मांगता रहा। अगर दामाद पर कोई आरोप था तो इसमें मेरे परिवार का क्या कसूर था। इस पूरे प्रकरण से मेरी और मेरे परिवार की बदनामी हुई। दामाद को जान से हाथ धोना पड़ा है। इसका जिम्मेदारी कौन लेगा।
यह कहना था उत्तरप्रदेश के आगरा में थाना जगदीशपुरा में जिस सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की मौत हुई है, उसके ससुर अनिल वाल्मीकि का। मृतक अरुण की ससुराल भरतपुर शहर के अनाह गेट वाल्मीकि बस्ती में है। उसकी पत्नी सोनम भी छह अक्टूबर को दादी गुलकंदी का निधन होने के कारण पीहर में ही रह रही थी। उत्तरप्रदेश पुलिस ने अटलबंध थाना पुलिस के सहयोग से 17 अक्टूबर की रात 11 बजकर 19 मिनट पर अरुण की पत्नी सोनम, ससुर अनिल, ***** आकाश, बड़े भाई के साले ललित पठानिया, ललित पुत्र नित्यानंद को हिरासत में लिया था। जहां आगरा में दो अलग-अलग थानों में इनसे पूछताछ की जा रही थी। जिस वक्त उन्हें हिरासत में लिया गया था, उस समय अरुण के ससुराल में दादी सास के 11वें पर कीर्तन चल रहा था। जबकि अरुण वाल्मीकि को 19 अक्टूबर की दोपहर को पकड़ा गया था, जहां रात करीब दो बजे उसकी मौत हो गई। इसके बाद 20 अक्टूबर की सुबह सभी को छोड़ दिया गया। तब जाकर मृतक अरुण के ससुरालीजन भरतपुर पहुंचे। वहीं सीएमओ ने भी गुरुवार देर शाम जिला प्रशासन से इस बारे में जानकारी मांगी है। साथ ही आर्थिक सहायता को लेकर भी सूचना मांगी गई है।
2017 में हुई थी शादी, तीन बच्चों का है पिता

मृतक अरुण के ससुर ने बताया कि उनका दामाद 25 लाख रुपए की चोरी नहीं कर सकता है। जरूर इस प्रकरण में वहां की पुलिस का हाथ है। अपना इल्जाम उनके दामाद पर थोपा गया है। वह आगरा के जगदीशपुरा थाने में लंबे समय से अस्थायी सफाई कर्मचारी के बतौर काम रहा था। भरतपुर के अनाह गेट हरिजन बस्ती निवासी अनिल वाल्मीकि पुत्र स्व. छज्जूराम की पुत्री सोनम की शादी 27 फरवरी 2017 को आगरा के लोहा मंडी निवासी अरुण वाल्मीकि पुत्र संपतलाल के साथ हुई थी। दादी सास का निधन छह अक्टूबर को हो गया था, उस दिन अरुण वाल्मीकि भरतपुर आया था। अरुण का तीन वर्षीय बेटा शिवा, दो वर्षीय बेटी छवि, डेढ़ महीने की एक बेटी है।
सीएमओ से सूचना, हरकत में आई स्थानीय पुलिस

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के 20 अक्टूबर की रात अरुण वाल्मीकि के परिजनों से मुलाकात करने के बाद गुरुवार सुबह स्थानीय पुलिस भी हरकत में आ गई। बताते हैं कि प्रियंका गांधी ने सीएम से इस प्रकरण में बात की है। इसके बाद स्थानीय पुलिस दो बार अरुण के ससुरालीजनों से मिलने पहुंची। क्योंकि आगरा पुलिस के उन्हें छोडऩे के बाद उनकी लोकेशन नहीं मिल पा रही थी। दोपहर को जब पुलिस को पता चला कि अरुण के ससुरालीजन भरतपुर सकुशल आ गए हैं तो पुलिस ने भी राहत की सांस ली।

-मेरा पति चोर नहीं था, अगर कोई जांच भी करनी थी तो इतनी बेरहमी से मारपीट करना क्या हत्या नहीं है। मैं तो भरतपुर में दादी का निधन होने के कारण छह अक्टूबर से पिता के पास ही थी। मेरे पिता, भाई व अन्य परिजनों का क्या कसूर था कि उन्हें हवालात में बंद कर पीटा गया। पुलिस ने परिजनों से भी अभद्रता की। मुझे न्याय मिलना चाहिए।
मृतक अरुण वाल्मीकि की पत्नी सोनम ने जैसा बताया

-आगरा में अरुण वाल्मीकि के साथ घृणित कृत्य किया गया है। उसकी पत्नी सोनम भरतपुर की बेटी है। मैंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सोनम को आर्थिक सहायता राशि की घोषणा की जानी चाहिए।
डॉ. सुभाष गर्ग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, राज्यमंत्री

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो