scriptइस बार आठ दिन के होंगे नवरात्र, डोली पर आएगी मातारानी | This time Navratri will be for eight days, the mother will come on the | Patrika News

इस बार आठ दिन के होंगे नवरात्र, डोली पर आएगी मातारानी

locationभरतपुरPublished: Sep 27, 2021 04:39:55 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

नवरात्र के आठ दिन के महत्वपूर्ण दिन-नवरात्र प्रारंभ: सात अक्टूबर-महाष्टमी: 13 अक्टूबर-नवरात्र नवमी: 14 अक्टूबर

इस बार आठ दिन के होंगे नवरात्र, डोली पर आएगी मातारानी

इस बार आठ दिन के होंगे नवरात्र, डोली पर आएगी मातारानी

भरतपुर. नवरात्र इस बार गुरुवार सात अक्टूबर से शुरू होंगे। माता रानी इस बार डोली में बैठकर आएगी। अंचल में देवी माता के नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्र पर्व का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार नौ दिनों का यह उत्सव सात अक्टूबर तक चलेगा। इस बार नवरात्र में चतुर्थी तिथि क्षय होने के कारण नवरात्र नौ की बजाय आठ दिन के होंगे। बाजार में धनवर्षा होगी। वाहनों, गहनों की खरीदारी होगी। देवी पुराण के अनुसार नौ शक्तियों के मिलन को नवरात्र कहा जाता है। जो एक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में चार बार आते हैं। बसंत ऋतु में होने वाले चैत्र या बासंती नवरात्र कहा जाता है। जबकि शरद ऋतु व आश्विन मास में आने वाले नवरात्र को शारदीय कहा जाता है। बाकी दो यानि गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ में आते हैं। इस दौरान मां दुर्गा को 10 महाविद्याओं की साधना होती है। पं. मनु मुदगल ने बताया कि नवरात्र में घटस्थापना/कलश स्थापना का मुहूर्त इस बार सिर्फ अभिजीत मुहूर्त ही रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11.52 बजे से 12.38 बजे तक है। इस बीच घट स्थापना कर देवी की पूजा अर्चना ज्योत, कलश स्थापना करनी चाहिए। आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शक्ति उपासना का पर्व शुरू होता है। इसी दिन शुभ कार्य भी होने लगते हैं। क्योंकि 15 दिन पितरों के नाम होते हैं। नौ अक्टूबर को तृतीय और चतुर्थी तिथि की युति है। ऐसा कभी-कभी पंचांग गणना में तिथियों के घट-बढ़ के कारण स्थिति बनती है। इसलिए तृतीया और चतुर्थी युति में मां दुर्गा के चंद्रघंटा एवं कुष्मांडा स्वरूप का अभिषेक पूजन होगा।
क्यों करते हैं कलश स्थापना

मान्यता है कि कलश स्थापना से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है और घर को खुशियों, धन-धान्य व सुख समृद्धि से भर देती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश सुख समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक होता है।
दो साल से देवी मंदिरों में नहीं हो रहे आयोजन

कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से नवरात्र पर्व पर न तो देवी मंदिरों में पहले जितनी संख्या में आस्था ज्योति प्रज्वलित की जा रही है और न ही भक्तों की भीड़। मातारानी के दरबार में रतजगा, गरबा-डांडिया की धूम भी नहीं रही। शक्ति की भक्ति श्रद्धा और मंदिरों में बारी-बारी से दर्शन करके पूरा रहे हैं। ऐसी ही स्थिति इस बार भी बरकरार हैं। क्योंकि कोरोना संक्रमण समाप्त नहीं हुआ हैं।
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