क्यों करते हैं कलश स्थापना मान्यता है कि कलश स्थापना से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है और घर को खुशियों, धन-धान्य व सुख समृद्धि से भर देती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश सुख समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक होता है।
दो साल से देवी मंदिरों में नहीं हो रहे आयोजन कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से नवरात्र पर्व पर न तो देवी मंदिरों में पहले जितनी संख्या में आस्था ज्योति प्रज्वलित की जा रही है और न ही भक्तों की भीड़। मातारानी के दरबार में रतजगा, गरबा-डांडिया की धूम भी नहीं रही। शक्ति की भक्ति श्रद्धा और मंदिरों में बारी-बारी से दर्शन करके पूरा रहे हैं। ऐसी ही स्थिति इस बार भी बरकरार हैं। क्योंकि कोरोना संक्रमण समाप्त नहीं हुआ हैं।