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Bharatpur: भाई को गले लगाया और फूट-फूटकर रो पड़ी बहन, डेढ़ साल बाद जीवित मिला तो नहीं रहा खुशी का ठिकाना, उत्तराखंड से पहुंचे राजस्थान

Brother-Sister Emotional Story: भरतपुर के अपना घर आश्रम में डेढ़ साल बाद उत्तराखंड के नैनीताल निवासी मानसिक रूप से अस्वस्थ उमेश गिरी अपनी मां और बहन से मिले। भाई को जीवित देखकर बहन प्रेमा देवी और मां तारा देवी फूट-फूटकर रो पड़ीं।

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भाई से मिलकर रोने लगी बहन और मां (फोटो: पत्रिका)

Uttarakhand Missing Youth Found In Rajasthan: अपना घर आश्रम में मंगलवार का दिन भावनाओं से भरा हुआ रहा जब एक बहन और उसके भाई का डेढ़ वर्ष बाद मिलन हुआ। इस मिलन का दृश्य देख वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं।

उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले के निवासी उमेश गिरी (प्रभुजी) मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण मई 2024 में बिना बताए घर से निकल गए थे। उमेश गिरी की मां और बहन ने हर जगह तलाश की लेकिन कोई पता नहीं चला। 22 मई को उन्हें जोधपुर से अपना घर आश्रम भरतपुर में सेवा एवं उपचार के लिए भर्ती कराया गया था।

लगातार सेवा और उपचार से उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ इसके बाद उन्होंने अपने घर और परिवार का पता बताया। आश्रम की पुनर्वास टीम ने तत्परता दिखाते हुए उत्तराखण्ड के जिला नैनीताल के बिन्दू खत्ता में स्थित उनके घर का पता लगाया और स्थानीय थाना लालकुआ, नैनीताल के माध्यम से परिजनों को सूचना दी गई।

जब बहन प्रेमा देवी को यह ज्ञात हुआ कि उसका भाई जीवित हैं और अपना घर आश्रम भरतपुर में हैं तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मंगलवार को उत्तराखण्ड से मां तारा देवी, बहन प्रेमा देवी और देवर गोपालनाथ भरतपुर पहुंचे। जैसे ही भाई-बहन का आमना-सामना हुआ तो दोनों एक-दूसरे से लिपटकर फूट-फूटकर कर रो पड़े।

वहां मौजूद सभी लोग इस दृश्य को देखकर भावुक हो उठे। बहन ने बताया कि जब भाई घर से निकल गया था तो मां और मैंने मिलकर इसको सभी जगह तलाश किया और जब कहीं नहीं मिला तो हमने अपने स्थानीय थाना लालकुंआ, नैनीताल में गुमशुदा की शिकायत दर्ज भी की।

उम्मीद का दामन छोड़ चुके थे लेकिन आज भाई के मिलने से मेरे तथा मेरी मां के जीवन में फिर से उजाला लौट आया है। आश्रम की पुनर्वास टीम की ओर से आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद, उमेश गिरी को उनकी मां तारा देवी बहिन प्रेमा देवी के परिवार को सुपुर्द कर दिया गया।