अधिकारियों के बीच फंसी फाइल, आपसी लड़ाई भी जगजाहिर शिकायतों के इस दौर के बीच यह भी बात सामने आई है कि जिले में पिछले कुछ माह से खनन के ठेकेदारों के बीच आंतरिक लड़ाई चल रही है। ऐसे में दोनों ही गुट एक-दूसरे की शिकायतों के साथ नुकसान पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं। जबकि अधिकारी मामले से बचते नजर आ रहे हैं। जब इस मामले को लेकर एसएमई प्रताप सिंह मीणा, एमई रामनिवास मंगल व एएमई ललित मंगल से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं पांच अप्रेल 2020 को रूपवास के ही इस मामले को लेकर वहां के सहायक खनि अभियंता की ओर से खनिज के क्लोजिंग बैलेंस में 199.05 टन अंतर पाए जाने की पुष्टि की है। इसमें 15 दिवसीय चेतना पत्र भी जारी करने की बात कही है।
नदबई विधायक भी कर चुके हैं पहाड़ी की शिकायत खास बात यह भी है कि पिछले दिनों नदबई विधायक जोगिन्दर सिंह अवाना भी पहाड़ी इलाके रॉयल्टी ठेकेदारों, अवैध खननकर्ता व अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग कर चुके हैं। इस मामले को लेकर उन्होंने मुख्य सचेतक महेश जोशी को ज्ञापन दिया था। इसके बाद कमेटी गठित की गई थी। हालांकि कमेटी की रिपोर्ट रसूख के दबाव में अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। बात यहां पर ही खत्म नहीं होती इसी दबाव के खेल को लेकर मेवात के ही एक विधायक ने भी अवैध खनन की शिकायत की है। हालांकि विधायक ने पत्र वायरल होने के बाद कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।