डेंगू 21 वार्डोंं में फैल चुका डेंगू का वायरस अब शहर के 21 वार्डोंं में फैल चुका है। पटरीपार के 3 किलोमीटर का क्षेत्र डेंगू का अति संवेदनशील क्षेत्र बन चुका है। इसमें खुर्सीपार का बालाजी नगर और बापू नगर का क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहीं पर 12 घंटे में चार मौत हुई हैं। इसके अलावा सूर्या विहार में रहने वाले बीएसपी के प्रोजेक्ट को पूरा करने चीन से आए दस लोगों को डेंगू होने पर उपचार के लिए रायपुर में भर्ती कराया गया। सरकारी आंकड़ों में ही सामने आया कि जितने मरीज अस्पतालों से डिस्चार्ज हो रहे हैं उससे कहीं अधिक रोज भर्ती हो रहे हैं। पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गुरुवार तक डेंगू से दस मौतों के बाद निगमायुक्त केएल चौहान ने रोकथाम के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान डेंगू के फैलने की जानकारी प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी ने धर्मेन्द्र मिश्रा ने दी। आयुक्त ने तत्काल दो पाली में पानी की निकासी, नालियों की सफाई, कचरे का उठाव और दवा का छिड़काव कराने कहा।
शॉक सिंड्रोम से ज्यादातर मौत
डेंगू में अब तक जितनी भी मौत हुई हैं उसमें ज्यादातर शॉक सिंड्रोम के मामले सामने आए हैं। खासकर बच्चों के मामले में एक बार रक्तचाप कम होने के बाद दोबारा सामान्य ही नहीं हो पाया। शहर में डेंगू अब सामान्य से हाईरिस्क तक पहुंच गया है।
तीन किलोमीटर के दायरे में एक दिन में ही चार मौत खुर्सीपार में तीन किलोमीटर के दायरे में एक दिन में ही चार मौत हो गई। साईं साहू के घर से मृतक दिनेश दलाई का घर 5 सौ मीटर की दूरी पर है। जबकि दिनेश के घर से राजीव नगर निवासी युवा टोमेंद्र का घर डेढ़ किमी की दूरी पर स्थित है। टोमेन्द्र के घर से मात्र 8 सौ मीटर की दूरी पर मृतिका मीमांसा का घर है और वहां से 7 सौ मीटर की दूरी पर नन्ही प्रिंयका का घर है जो अब इस दुनिया में नहीं है। इस मोहल्ले से विक्की ब्रह्मे का घर करीब 3 किलोमीटर आगे है। छावनी का क्षेत्र खुर्सीपार से करीब ढाई किलोमीटर की दूरी पर है जहां रौनक साहू का घर है और वहां से मात्र डेढ़ किमी की दूरी पर यश जागड़े का घर मौजूद है।
6 साल के दिनेश दलाई को शनिवार को बुखार आया
खुर्सीपार के वार्ड 36 निवासी 6 साल के दिनेश दलाई को शनिवार को बुखार आया। पिता ने डॉ राजकुमार अग्रवाल से इलाज कराया तो पता चला उसे डेंगू है। उसे लेकर सीधे सेक्टर 9 अस्पताल पहुंचे। बैड खाली नहीं था तो दिनेश को आईसीयू में शिफ्ट किया और वहां उसकी तबीयत ऐसी बिगड़ी कि वहां से वह लाश के रूप में बाहर आया। पिता ने कहा कि वह सामान्य था। पर डॉक्टर कहते हैं कि उसका ब्लड प्रेशर काफी कम हो चुका था और वह दोबारा सामान्य नहीं सका। दिनेश घर में सबसे बड़ा था। उसके जाने के बाद छोटी बहन को कुछ समझ नहीं आरहा है। बस वह बार-बार अपने भाई को ही ढूंढ रही थी। गुरुवार सुबह दिनेश की अंतिम विदाई में पूरा मोहल्ला रो पड़ा।