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IPL के महासमर में छत्तीसगढ़ से रोज लग रहा 70 करोड़ का सट्टा, सामने आया मास्टर माइंड का नाम

IPL Online Satta: आईपीएल में छत्तीसगढ़ से ही रोजाना करीब 70 करोड़ रुपए का दाव लगाया जा रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि महादेव ऐप के डायरेक्टर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को अब तक भारत नहीं लाया जा सका है..

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IPL मैच में सट्टा लगाते सटोरिया चढ़ा पुलिस के हत्थे, मोबाइल सहित कैश बरामद..

IPL Online Satta: ऑनलाइन सट्टा महादेव ऐप पर अब तक शिकंजा नहीं कसा जा सका है। भिलाई-दुर्ग के सटोरियों के अनुसार, IPL में छत्तीसगढ़ से ही रोजाना करीब 70 करोड़ रुपए का दाव लगाया जा रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि महादेव ऐप के डायरेक्टर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को अब तक भारत नहीं लाया जा सका है। इधर आईपीएल के महासमर में महादेव ऐप के ऑपरेटर भय मुक्त होकर हर मैच पर दाव लगा रहे हैं।


भिलाई कैंप मदर टरेसा नगर निवासी महादेव ऐप का डायरेक्टर सौरभ चंद्राकर और उसका पार्टनर डायरेक्टर रवि उप्पल इस समय दुबई में बैठा है और वहीं से ऑनलाइन सट्टा महादेव ऐप को ऑपरेट कर रहा है। भारत में उसके गुर्गे ऑनलाइन सट्टा की आईडी बेखौफ बांट रहे हैं।

ईडी ने इन्हें नजरबंदर किया है। भारत लाने की प्रक्रिया की जा रही है, लेकिन अभी तक उन्हें नहीं लाया जा सका है। ईडी की कार्रवाई से महादेव ऐप के प्रमोटर्स में खलबली मची थी। सौरभ के ऑनलाइन सट्टा के काले कारोबार पर भी असर पड़ा था। अब जैसे ही आईपीएल शुरू हुआ, फिर से इस कारोबार ने जोर पकड़ लिया है। सटोरियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ से करीब 70 करोड़ रुपए और पूरे भारत में 500 करोड़ का दाव रोज लगाया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि सिकंदर की कई नेताओं के साथ अच्छी जान पहचान है। कई नेताओं को लग्जरी वाहन तक गिफ्ट करने की बात कही जा रही है। कई सफेदपोश आईडी लेकर कारोबार कर रहे हैं।

सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने अब भिलाई में सिकंदर पर भरोसा कर महादेव ऐप की आईडी बांटने का काम दिया है। सिकंदर 15 लाख रुपए डिपॉजिट लेकर आईडी बांट रहा है। दूसरे प्रांतों में यह काला कारोबार बेधड़क चलाया जा रहा है।

पंजाब, पुणे, गोवा, इंदौर, भोपाल, नोयडा और दिल्ली में एजेंट महादेव ऐप का पैनल लेकर सेटअप जमा चुके हैं। वहां बेधड़क पैनल का संचालन कर रहे हैं। ऑनलाइन सट्टा में करोड़ों रुपए का दाव लगा रहे हैं।

महादेव ऐप के प्रमोटर्स ने पैनलिस्ट के प्रॉफिट में कटौती किया है। पहले 50 प्रतिशत का लाभ पैनलिस्ट को देते थे, लेकिन अब 25 प्रतिशत कर दिया है। सिकंदर के जरिए उन लोगों को आईडी दी जा रही है, जो खासकर भिलाई-दुर्ग से तालुक नहीं रखते हैं। दूसरे प्रांतों के युवकों का आधार कार्ड लेकर उन्हें आईडी बांट रहे हैं। उनका लोकेशन क्लीयर होने के बाद ही आईडी दे रहे हैं।

महादेव ऐप के संचालन में संरक्षण देने के आरोप में छत्तीसगढ़ की खाकी पर दाग लग चुके हैं। दो पुलिस कर्मी आभी भी ईडी की कार्रवाई से जेल में हैं। ईडी की कार्रवाई से कुछ पुलिस कर्मियों ने तो महादेव ऐप से ताल्लुक रखना बंद कर दिया। हालांकि सूत्रों की मानें तो करीब 10 पुलिस कर्मी का अभी भी महादेव ऐप से मोह भंग नहीं हुआ है। वे अपने रिश्तेदार और दोस्तों को आईडी दिलाकर कमाई कर रहे हैं। इसी तरह सफेदपोशों में भिलाई के कई जनप्रतिनिधियों की संलिप्तता सामने आई, लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इस धंधे में कुछ बिल्डर्स, ज्वेलर्स और कारोबारियों के नाम भी बताए जा रहे हैं। इनके खिलाफ जांच नहीं हो रही है।


दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग ने कहा कि महादेव ऐप चलाने वालों के खिलाफ रेंज स्तर पर को-ऑर्डिनेशन कर कार्रवाई होगी। इसे चेक कराता हूं। जांच के बाद जनप्रतिनिधि हो या कोई अधिकारी-कर्मचारी किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। कड़ी कार्रवाई होगी।