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दर्जी के बेटे ने दिखाया कमाल, 12वीं के टॉप-10 में चौथे स्थान पर, बनना चाहता है आईएएस

सामान्य सा परिवार। पिता दर्जी हैं, लेकिन बेटे का सपना है आईएएस बनना। यह वही बेटा है जिनसे सीजी बोर्ड 12वीं में 96.80 फीसदी अंक हासिल किए हैं।

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भिलाई . सामान्य सा परिवार। पिता दर्जी हैं, लेकिन बेटे का सपना है आईएएस बनना। यह वही बेटा है जिनसे सीजी बोर्ड 12वीं में 96.80 फीसदी अंक हासिल किए हैं। इस तरह वह पूरे प्रदेश में चौथे पायदान पर है। हम बात कर रहे हैं खुर्सीपार निवासी छात्र विनय चौहान की। अपने बेटेे की इस उपलब्धि से पिता इस कदर भावुक हैं कि कभी बेटे को गले लगाते तो कभी आंखों से बे-इंतहा खुशी के आंसू छलक पड़ते हैं। बेटे ने काम ही कुछ ऐसा किया है। साल भर की जीतोड़ मेहनत और कुछ कर गुजरने के इरादे के साथ उसने साबित किया है कि बड़ा स्कूल और हजारों रुपए की कोचिंग सबकुछ नहीं। चाहिए तो बस, हौसला और परिवार का सपोर्ट।

खुर्सीपार में दौड़ पड़ी खुशी की लहर
१२वीं में विनय को चौथे रैंक मिलने की खबर जैसे ही खुर्सीपार में पहुंची, मानों हर किसी की जुबान पर इन होनहार के चर्चे होने लगे। पिता को मिठाइयां और बधाई का तांता लग गया। घर-पड़ोस के लोग विनय से मुलाकात करने के लिए व्याकुल नजर आए। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी इस बात की जानकारी मिलते ही होनहार की हौसला अफजाई का मौका मिला।

बीटेक के बाद करूंगा आईएएस
होनहार विनय का कहना है कि उनका लक्ष्य आईएएस है। इसके लिए १०वीं से ही विजन तय कर लिया। जेईई मेंस में भी बेहतर रैंक के साथ एडवांस के लिए क्वालिफाई किया है। आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल में बीटेक करने का सपना है। डिग्री मिलने के साथ ही आईएएस के लिए भी तैयारी करने की इरादा विनय पहले ही कर चुका है। विनय ने भिलाई विद्यालय का छात्र है। उनकी इस उपलब्धि से बीएसपी स्कूल शिक्षा विभाग में खुशी की लहर है।

बड़े काम आया संयुक्त परिवार
विनय ने बताया कि इस उपलब्धि में उनके पूरे परिवार का हिस्सा है। वह संयुक्त परिवार में रहते हैं। उनके परिवार में ११ लोग हैं। एक भाई और एक बहन है। छोटा भाई विजेंद्र चौहान पॉलीटेक्निक में है, जबकि बड़ी बहन प्रियंका ने अपना कॉलेज पूरा कर लिया है। पढ़ाई के दौरान संयुक्त परिवार उनका हर पल ख्याल रखता था। रात को देर तक पढ़ते वक्त बड़े पापा शंकर चौहान भी पढ़ाई का जायजा लेने आते थे। सभी को उनसे इसी तरह के रिजल्ट की उम्मीद थी, जिसे विनय ने पूरा भी किया।