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एनजेसीएस की बैठक बुलाने संयुक्त BSP यूनियन मंच का प्रदर्शन, क्या है पूरा माजरा यहां पढ़ें, Video

एनजेसीएस की बैठक बुलाने की मांग को लेकर सोमवार की सुबह 8 बजे से बोरिया गेट पर इंटक, सीटू, ऐक्टू के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त प्रदर्शन किया।

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भिलाई

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Dakshi Sahu

Mar 05, 2018

PATRIKA

भिलाई. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की सभी इकाइयों में कार्यरत कर्मियों के वेतन समझौता व एनजेसीएस की बैठक बुलाने की मांग को लेकर सोमवार की सुबह 8 बजे से बोरिया गेट पर इंटक, सीटू, ऐक्टू के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त प्रदर्शन किया।

संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा ने प्रबंधन को तर्कदिया कि सेल घाटे में था तब कर्मियों ने अच्छा काम कर बीएसपी सहित सेल के विभिन्न इकाइयों को घाटे से उबारने व सेल की स्थिति को मजबूत बनाने में अपना सकारात्मक योगदान दिया।

अब सेल धीरे-धीरे घाटे से उभर रहा है, ऐसे समय में जल्द से जल्द वेतन समझौता को लेकर चर्चा शुरू कर बेहतर वेतन देकर कर्मियों का मनोबल बढ़ाने की जरूरत है। जिससे संयंत्र का उत्पादन को बढ़ाने व संयंत्र को घाटे से पूरी तरह से उभारते हुए जल्द से जल्द मजबूत स्थिति में लाने के लिए मदद मिलेगा।

बोरिया गेट में किए गए संयुक्त प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए सामान्य पाली में संयंत्र जा रहे कर्मी 5 मिनट रुक कर प्रदर्शन का समर्थन करते हुए अपनी एकजुटता का इजहार करते रहे। कर्मियों का इस तरह का का समर्थन वेतन समझौता की बैठक शीघ्र बुलाने की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन को मजबूती दिया है।

सरकार के दिशा निर्देशों का मिलकर करेंगे विरोध
संयुक्त मोर्चा ने कहा कि विभिन्न सार्वजनिक उद्योगों में वेतन समझौते को लेकर केंद्र सरकार ने कुछ ऐसे दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिन पर अमल करते हुए सेल का वेतन समझौता कर पाना संभव नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार ने जारी दिशा निर्देशों में यह कहा है कि जो कंपनी 3 साल तक मुनाफा नहीं करती, उसका वेतन समझौता नहीं किया जाए।

यूनियन नेताओं ने कहा कि सेल का कर्मी अपना काम करते हुए पूरी ईमानदारी के साथ उत्पादन को कर रहा है, उस उत्पादन का मार्केट में बिकना ना बिकना केंद्र सरकार की नीतियों का नतीजा है। संयंत्र को हो रहे घाटे के पीछे केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार है, ना कि कर्मियों का मेहनत इसीलिए घाटे का बहाना करके वेतन वार्ता ना करने की मजदूर विरोधी दिशा निर्देश के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। केंद्र सरकार ऐसे दिशा निर्देशों को वापस लेना होगा।