11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG Election 2023: चुनावी घोषणाओं का असर धान खरीदी पर, 14 दिन में केवल 5589 किसान पहुंच केंद्र

CG Election 2023: चुनाव में हरहाल में जीत की जुगत में लगे राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को रिझाने धान खरीदी को लेकर आकर्षक घोषणाएं की है।

3 min read
Google source verification
CG Election 2023: चुनावी घोषणाओं का असर धान खरीदी पर, 14 दिन में केवल 5589 किसान पहुंच केंद्र

CG Election 2023: चुनावी घोषणाओं का असर धान खरीदी पर, 14 दिन में केवल 5589 किसान पहुंच केंद्र

दुर्ग। CG Election 2023: चुनाव में हरहाल में जीत की जुगत में लगे राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को रिझाने धान खरीदी को लेकर आकर्षक घोषणाएं की है। इसका असर चालू सीजन में शासन की समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है। दरअसल राजनीतिक दलों ने चुनाव में जीत पर धान का समर्थन मूल्य व बोनस की राशि के साथ लिमिट बढ़ाने की घोषणा कर रखी है। किसान मानकर चल रहे है कि चुनाव के परिणाम के साथ ही जीतने वाले दल की घोषणाएं अमल में आ जाएंगी। ऐसे में किसान उपज तत्काल बेचने के बजाए भंडारित कर रख रहे है। इससे खरीदी केंद्रों में धान की अपेक्षा अनुरूप आवक नहीं हो रही है।

यह भी पढ़ें: CG Election 2023: चुनाव के लिए अधिग्रहित बसों की नहीं हुई वापसी, रूट में समस्या


गौरतलब है कि फिलहाल शासन द्वारा कामन धान की 2183 रुपए और ग्रेड ए धान की 2203 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान उपार्जित किया जा रहा है। किसान न्याय योजना की राशि (इन सब्सिडी) को मिलाकर राज्य सरकार ने इस बार 2800 रुपए प्रति क्विंटल देने की घोषणा की है। पिछली बार राज्य सरकार ने 2640 रुपए में धान खरीद की थी। इसमें 2040 समर्थन मूल्य और 600 रुपए प्रोत्साहन राशि थी। इस बीच चुनावी घोषणा पत्र में राजनीतिक दलों ने इस दर को बढ़ाने का ऐलान कर रखा है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 3200 रुपए प्रति क्विंटल की दर किसानों से 20 क्विंटल धान खरीदी की घोषणा कर रखी है, जबकि भाजपा ने समर्थन मूल्य बढ़ाकर 3100 रुपए करने और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी का ऐलान किया है।


परिणाम के साथ ही घोषणा लागू होने की उम्मीद
राजनीतिक दलों द्वारा घोषणा पत्र में शामिल धान खरीदी की दर और लिमिट को प्रचारित कर मतदाताओं से मतदान की अपील की जा रही है। इसके चलते किसान मौजूदा समर्थन मूल्य पर धान विक्रय से परहेज कर रहे हैं। किसानों का मानना है कि चुनाव परिणाम सामने आते ही राजनीतिक दलों द्वारा घोषणा लागू कर दी जाएगी व किसानों को अधिक समर्थन मूल्य व बोनस का लाभ मिल जाएगा। इसके चलते वे धान लेकर खरीदी केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं।


52 लाख क्विंटल खरीदी का अनुमान
राज्य सरकार ने इस बार धान की कीमत के साथ लिमिट में भी 15 से 20 क्विंटल की बढ़ोतरी की है। जिले में इस बार धान बेचने के लिए 1 लाख 10 हजार 824 किसानों ने पंजीयन कराया है। इन किसानों का रकबा 1 लाख 19 हजार 135 हेक्टेयर है। इस तरह इस बार करीब 52 लाख 14 हजार 630 क्विंटल धान खरीदी का अनुमान लगाया गया है।

यह भी पढ़ें: मच्छरों से छुटकारा पाने घर में जरूर लगाए इन 10 में से कोई एक पौधा, जानिए अभी


14 दिन में केवल 2.14 लाख क्विंटल
शासन द्वारा इस बार भी एक नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ की गई है। इस तरह खरीदी प्रारंभ होकर 14 दिन बीत चुका है और जिले में अब तक बमुश्किल २ लाख 14 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो पाई है। यह कुल खरीदी के लक्ष्य का एक फीसदी भी नहीं है। चुनाव तक खरीदी में तेजी की उम्मीद भी नहीं है।


इधर नई घोषणाओं की स्थिति स्पष्ट नहीं
दोनों ही राजनीतिक दलों ने धान के समर्थन मूल्य के साथ लिमिट में बढ़ोतरी की घोषणा की है, लेकिन यह घोषणा कब से अमल में लाया जाएगा यह स्पष्ट नहीं है। ऐसे में किसानों के सामने भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है। कई किसान मानकर चल रहे हैं कि चुनाव और प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद नई घोषणा पत्र के प्रावधान लागू कर दिए जाएंगे। हालांकि इसकी संभावना कम ही है।

यह भी पढ़ें: झूठ नहीं साहिबो, कांग्रेस में राहिबो... कुमारी सैलजा ने बीजेपी के खिलाफ दिया ये नारा, 75+ सीट जीतने का किया दावा