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AI का कोई बॉस नहीं, पक्षियों व चींटियों की तरह करती है काम

CG News: एआई बेस्ड टूल्स के हम अभी भी सिर्फ यूजर्स बने हुए हैं, जबकि हमें तो इनवेंटर होना चाहिए। युवाओं को इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा।

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रूंगटा यूनिवर्सिटी के प्रो-वीसी डॉ. मनीष मनोरिया ने एआई के इस्तेमाल और उससे मिलने वाली सहूलियतों पर चर्चा की। ( Photo - Patrika )

CG News: चैट जीपीटी, गूगल जेमेनाइ और डीपसिक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स किसी और ने बनाए और हमने उनका इस्तेमाल शुरू कर दिया। एआई बेस्ड टूल्स के हम अभी भी सिर्फ यूजर्स बने हुए हैं, जबकि हमें तो इनवेंटर होना चाहिए। युवाओं को इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा। ये बातें हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय तिवारी ने कहीं।

CG News: एआई प्रोटीन के आकार की भविष्यवाणी

वे शनिवार को रूंगटा इंटरनेशनल स्किल्स यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस शास्त्रार्थ में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि, टेक्नोलॉजी इतनी आगे बढ़ चुकी है कि अब एआई प्रोटीन के आकार की भी सटीक भविष्यवाणी कर सकता है। गूगल ने इसके लिए अल्फा फोल्ड एआई तैयार कर लिया है। अब दुनिया 50 साल आगे का सोच रही है, ऐसे में मार्केट की डिमांड के हिसाब से खुद को अपडेट करने की जरूरत है।

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बताया, कैसे काम करता है एआई

कॉन्फ्रेंस में साउथ एशिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. जगदीश चंद बंसल भी शामिल हुए। उन्होंने कंप्यूटिंग और एआई में स्वार्म इंटेलिजेंस पर रोचक जानकारी देते हुए कहा कि, बहुत सारे जीव जैसे चींटियां और पक्षी एक साथ मिलकर काम करते हैं और बिना किसी एक लीडर के भी बड़ा काम कर डालते हैं। ये ऐसा है जैसे हर कोई अपनी छोटी सी जानकारी के साथ आता है और सब मिलकर बड़ा और अच्छा फैसला ले लेते हैं।

एआई होगा और सटीक

इटली की कॉर्फोेसेस यूनिवर्सिटी से आए डॉ. अगस्टिनो कॉटर्सी ने बताया कि पूरी दुनिया एआई को बेहतर बनाने में लगी हुई है। अब दुनिया इस एक्योरेसी को और सटीक बनाने में जुट गई है। शुभारंभ सत्र में रूंगटा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति संतोष रूंगटा ने कहा कि, देश को तरक्की की ओर ले जाने में इनोवेशन का रोल सबसे अहम है। कुलपति डॉ. जवाहर सूरीशेट्टी ने कहा कि ऐसे इनोवेशन करना चाहिए जो सोसाइटी को फायदा पहुंचाए।

रूंगटा यूनिवर्सिटी के प्रो-वीसी डॉ. मनीष मनोरिया ने एआई के इस्तेमाल और उससे मिलने वाली सहूलियतों पर चर्चा की।

देश-विदेश से आए 456 पेपर्स

रूंगटा ग्रुप में इस इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस शास्त्रार्थ का यह 10 वां वर्ष था, जिसमें देश और विदेश से 456 रिसर्च स्कॉलर्स शामिल हुए हैं, जो दो दिनों में अपने पेपर प्रजेंट करेंगे। कॉन्फ्रेंस में रूंगटा ग्रुप के डायरेक्टर डॉ. सौरभ रूंगटा, सोनल रूंगटा, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. संजीव शुक्ला, डॉ. मनोज वर्गीस, डॉ. एजाजुद्दीन, डॉ. नीमा एस बालन, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट डॉ. रामकृष्ण राठौर, डॉ. विजय लक्ष्मी घोष सहित फैकल्टी मेंबर्स शामिल रहे।