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भिलाई के श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में भर्ती मरीज की मौत के बाद बकाया राशि के लिए शव को 24 घंटे तक रोक कर रखा गया था। इस मामले में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आए हैं।
मृतक अशोक के खुर्सीपार निवासी भाई शेखर का बयान लिया गया है। इसमें शेखर ने बताया कि किस तरह राशन कार्ड, आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड पेश करने के बाद भी नकद रकम मांगी गई। पैसे नहीं देने पर शव को रोक दिया गया। पीड़ित ने बताया कि अस्पताल के काउंटर पर लिख दिया गया था कि 22 नवंबर 2022 से आयुष्मान कार्ड नहीं बनाया जा रहा है। तब च्वॉइस सेंटर जाकर आयुष्मान कार्ड बनवाना पड़ा। कार्ड अस्पताल में देने पर बताया गया कि केवाईसी नहीं हो रही है। अस्पताल ने नकद राशि जमा करने कहा।
शव देने से पहले भुगतान करने कहा
पीड़ित ने बयान में बताया कि 1 दिसंबर को दोपहर करीब 12 बजे डायलिसिस के दौरान अशोक की मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने समस्त बिलों का भुगतान करने के लिए कहा। जिसमें 17,900 उपचार ,और 6700 दवा के थे। इस तरह 24600 रुपए जमा करने कहा गया। भुगतान नहीं करने की स्थिति में शव नहीं दिया जाएगा। शेखर ने बताया पैसा नहीं था इस वजह से राशि की व्यवस्था करने के लिए समय मांगा। मजबूरी में उधार लेकर 12990 रुपए जमा करवाए। इसके पहले अस्पताल संचालक आईपी मिश्रा से कुछ राशि कम करने मांग की गई। उन्होंने 5000 रुपए कम किया।
Published on:
08 Dec 2022 11:18 am
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