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शैक्षणिक सेवा भर्ती नियम में बदलाव.. अकेले दुर्ग साइंस कॉलेज प्रदेश को देगा 22 नए प्राचार्य

CG News : अकेले दुर्ग साइंस कॉलेज प्रदेश के 22 कॉलेजों को प्राचार्य उपलब्ध करा देगा। इसी तरह तीन प्राचार्य गर्ल्स कॉलेज से भी निकलेंगे।

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शैक्षणिक सेवा भर्ती नियम में बदलाव.. अकेले दुर्ग साइंस कॉलेज प्रदेश को देगा 22 नए प्राचार्य

शैक्षणिक सेवा भर्ती नियम में बदलाव.. अकेले दुर्ग साइंस कॉलेज प्रदेश को देगा 22 नए प्राचार्य

भिलाई. CG News : प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में प्राचार्यों की भारी कमी है, लेकिन अब इन कॉलेजों को जल्द ही नियमित प्राचार्य मिल सकेंगे। अकेले दुर्ग साइंस कॉलेज प्रदेश के 22 कॉलेजों को प्राचार्य उपलब्ध करा देगा। इसी तरह तीन प्राचार्य गर्ल्स कॉलेज से भी निकलेंगे। दरअसल, राज्य सरकार ने शैक्षणिक सेवा भर्ती नियम में बड़ा संशोधन कर दिया है, जिससे पदोन्नत प्राध्यापकों का प्राचार्य बनने का रास्ता खुल गया है। 9000 ग्रेड-पे हासिल करने वाले पदोन्नत प्राध्यापक पहले प्राचार्य के पद पर पदोन्नति की पात्रता नहीं रखते थे। सिर्फ 10 हजार ग्रेड-पे वाले प्राध्यापक ही प्राचार्य बन सकते थे, लेकिन अब 9 हजार ग्रेड-पे में रहते हुए भी इनको प्राचार्य बनाया जा सकेगा।

नहीं बढ़ाया ग्रेड-पे

प्राचार्य बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने ग्रेड-पे बढ़ाने से बेहतर नियम को शिथिल करना समझा। नए नियम का राजपत्र में प्रकाशन कर दिया गया है, जिसके बाद साइंस कॉलेज के 22 सहित प्रदेशभर के 185 पदोन्नत प्राध्यापकों ने प्राचार्य पद की आर्हताएं हासिल कर ली है। विभाग पदोन्नत प्राध्यापकों के लिए प्राचार्यों के रिक्त पदों पर नियुक्तियां कर सकता है।

285 शासकीय कॉलेजों में प्राचार्यों के करीब 70% पद खाली

राज्य सरकार ने पदोन्नत प्राध्यापकों के लिए प्राचार्य बनने का रास्ता खोल दिया है। साइंस कॉलेज से 22 प्राध्यापकों को इसमें शामिल किया जाएगा।

डॉ. आरएन सिंहप्राचार्य, साइंस कॉलेज दुर्ग

छत्तीसगढ़ शैक्षणिक सेवा भर्ती नियम 2019 में संशोधन से सहायक प्राध्यापकों, पदोन्नत प्राध्यापकों को पदोन्नति का अवसर मिलेगा। उच्च शिक्षा विभाग इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रहा है।

डॉ. सुशील चंद्र तिवारीअपर संचालक दुर्ग

कॉलेजों में पदोन्नत प्राध्यापक लगातार रिटायर हो रहे हैं। प्रदेश के 224 पदोन्नत प्राध्यापकों में से अब सिर्फ 184 शेष बचे हैं। इसमें बहुत से अगले साल रिटायर हो जाएंगे। अब यदि राज्य सरकार की ओर से इनको प्राचार्य के पद पर पदोन्नत किया जाता है तो रिटायर होने से पहले यह उनके लिए किसी बड़े तोहफे से कम नहीं होगा।