
चंद्रकला ओझा
Chandrakala Ojha: खेल गांव पुराई को कौन नहीं जानता। यह पाटन का वह गांव है, जिसके लगभग हर घर में एक तैराक मौजूद है। अब खेल गांव पुराई एक बार फिर सुर्खियों में बना हुआ है। वजह है, 15 साल की चंद्रकला ओझा। चंद्रकला (Chandrakala Ojha) 9 अप्रैल को देश को एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड देने जा रही है।
वह गांव के ही तालाब में लगातार 8 घंटे तैराकी कर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराएगी। हौसला ऐसा है कि सर्दी हो या फिर गर्मी या बारिश बिना रुके लगातार प्रैक्टिस कर रही है। दो साल से प्रैक्टिस में ही समय बीत रहा है। चंद्रकला पुराई की वही स्वीमर है, जिसका एक ही बार में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी साई गुजरात में स्वीमिंग के बेहतरीन प्रदर्शन पर चयन हुआ।
पांच साल की उम्र से तैराकी
चंद्रकला 5 साल की उम्र से तैराकी कर रही है। पूरा घर नेशनल और स्टेट लेवल खिलाड़ियों से भरा है। बड़ी बहन भूमिका नेशनल स्वीमर है, छोटा भाई सिद्धार्थ स्टेट खिलाड़ी है। वर्तमान में पुराई में 103 युवा तैराक हैं, जिनके पास नेशनल व स्टेट गेम्स का अनुभव है। चंद्रकला जूनियर ओपन नेशनल, स्टेट में 3 गोल्ड और दो सिलवर जीत चुकी हैं।
टूटेगा ईश्वर का बनाया रिकॉर्ड
इससे पहले गांव के ही ईश्वर ओझा ने लगातार 6 घंटे तैराकी कर गोल्डन बुक में अपना नाम दर्ज कराया था। इस तरह चंद्रकला अपने ही साथी का रिकॉर्ड तोड़ने को पूरी तरह से तैयार है। यह नया रिकॉर्ड कायम करने चंद्रकला रोजाना 10 से 12 घंटे प्रैक्टिस कर रही हैं। गांव के तालाब में प्रैक्टिस की शुरुआत सुबह 6 बजे से होती है और शाम को 6 बजे तक अभ्यास जारी है। चंद्रकला कक्षा 10वीं की छात्रा है। वह तैराकी में ही अपना कॅरियर बनाना चाहती हैं। प्रदेश में अन्य युवाओं को भी अच्छा तैराक बनाना चाहती है।
बांट दी गई जिम्मेदारी
चंद्रकला को इस वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करने पूरा गांव साथ है। चंद्रकला के कोच ओम कुमार ओझा ने बताया कि सभी ने अपनी अपनी जिम्मेदारी ली है। एक समूह चंद्रकला की डाइट की निगरानी कर रहा है, दूसरा समूह उसकी नींद की मॉनिटरिंग में लगा हुआ है ताकि उसके अभ्यास में कोई कमी नहीं रहे। यह टारगेट बहुत बड़ा है इसलिए पूरा पुराई गांव कोई चूक नहीं रहने देने चाहता। गोल्डन बुक की टीम 9 अप्रेल की सुबह मौके का मुआयना करेगी। चंद्रकला के लिए तालाब में ही 500 मीटर का स्वीमिंग ट्रैक बनाया जाएगा।
डाइट बनी बड़ी समस्या
कोच ओम कुमार ने बताया कि पुराई का हर बच्चा नेशनल स्टेट लेवल का खिलाड़ी है, लेकिन घर परिवार की आर्थिक स्थिति अनुकूल नहीं होना उनके कदम रोक देता है। सबसे बड़ी समस्या डाइट मनी है। ये खिलाड़ी इतने सक्षम नहीं हैं कि हर दिन का रूटीन डाइट फॉलो कर ताकत बढ़ा सके। इसके लिए गांव की ही प्रोटिंग्स विंग्स स्वीमिंग एकेडमी जैसे तैसे इनकी मदद कर रही है।
पुराई में बनेगी स्वीमिंग एकेडमी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में पुराई गांव में स्वीमिंग के लिए एकेडमी खोलने की घोषणा की है। इससे गांव के खिलाड़ी बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि एकेडमी शुरू होने से प्रदेश के अन्य युवाओं को भी बड़े मौके हासिल होंगे।
Published on:
04 Apr 2023 02:43 pm
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