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किसानों को बड़ी राहत.. बेमौसम बारिश से चौपट हुई फसलों पर मिलेगी क्षतिपूर्ति, अधिसूचना जारी

Chhattisgarh News: टमाटर और दूसरे सब्जियों की फसल की भी हालत खराब है। नुकसान की स्थिति में किसानों को क्षतिपूर्ति का लाभ मिल सकता है। कृषि विभाग ने इसके लिए अधिसूचना जारी किया है

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Chhattisgarh News

मोंथा तूफान के कारण धान की बालिया झुकी ( Photo - Patrika )

Chhattisgarh News: मोंथा तूफान के चलते बेमौसम बारिश से धान के साथ टमाटर और सब्जियों की खेती को नुकसान हुआ है। तेज हवा के साथ करीब तीन दिन तक हुई बारिश से पककर तैयार धान की फसल जमीन पर लेट गई है। इन पौधों की बालियों के सड़ने अथवा जर्मीनेशन की स्थिति बन गई है। ( CG News ) वहीं टमाटर और दूसरे सब्जियों की फसल की भी हालत खराब है। नुकसान की स्थिति में किसानों को क्षतिपूर्ति का लाभ मिल सकता है। कृषि विभाग ने इसके लिए अधिसूचना जारी किया है।

Chhattisgarh News: चक्रवाती तूफान ने खड़ी की मुसीबत

चक्रवाती तूफान के कारण मौसम के बिगड़े मिजाज ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। तूफान के कारण जिले के अधिकतर इलाकों में बारिश हुई। अभी भी मौसम पूरी तक साफ नहीं हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक धान की करीब 50 फीसदी फसल पककर तैयार है। इनमें से करीब 20 फीसदी फसल जमीन पर गिर गई है। धमधा इलाके के खेतों में बारिश का पानी भरने और पौधे गिरने से धान की बालियां डूब गई है। अफसरों के मुताबिक इन फसलों को नुकसान होगा। बदली और बारिश के कारण टमाटर और सब्जियों के फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।

टमाटर और सब्जियों में सड़न का खतरा

जिले में टमाटर और साग-सब्जियों की खेती भी बहुतायत होती है। टमाटर के पौधों पर बारिश के कारण प्री-मेच्योर होकर पकने के साथ सड़ने और कीड़े लगने का खतरा बढ़ गया है। इसी तरह अन्य सब्जियों में कीट व्याधि का खतरा बढ़ जाएगा। उद्यानिकी की अधिकतर खेती कन्हार मिट्टी में होती है। इसके जल्द नहीं सूखने से किसानों को नुकसान होगा।

फसल बीमा का मिल सकता है लाभ

कृषि विभाग के अफसर बारिश से भीग चुकी फसल पर कम से कम नुकसान के लिए भी किसानों को सलाह दे रहे हैं। अफसरों के कहना है कि खेतों से तत्काल पानी निकासी की व्यवस्था करें, ताकि गिर चुकी फसल की बालियां पानी में भीगे नहीं। इसके लिए कटाई के लिए मौसम खुलने के बाद तत्काल कटाई नहीं कर सूखने का अवसर दें। इससे किसानों को कम से कम नुकसान होगा।

तो बच सकते हैं ज्यादा नुकसान से

कृषि विभाग ने बारिश से धान और उद्यानिकी फसलों के नुकसान की आशंका जताई है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना के तहत बीमा कराने वाले किसानों को बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर 18002660700, वाट्सऐप नंबर 7065514447, कृषि रक्षक हेल्पलाइन नंबर 14447 अथवा कृषि व राजस्व विभाग के अधिकारियों के समक्ष दावा करने की सलाह दी जा रही है। कृषि विभाग के अफसरों के मुताबिक संबंधित कार्यालयों में 72 घंटे के भीतर नुकसान के लिए दावा करना अनिवार्य है।

धान की गुणवत्ता पर पड़ेगा असर

कृषि वभाग के अफसरों का कहना है कि तैयार धान की फसल के भीगने से किसानों को नुकसान होगा। जो फसल गिर गए है और खेतों में पानी भर गया है उनके सड़ने अथवा जर्मीनेशन का खतरा भी है। दूसरी ओर लेट वेरायटी की फसल जिनकी कटाई नहीं हुई है, उनमें कीट व्याधि का खतरा बढ़ गया है।

फसल क्षति पर राहत मांगेंगे किसान

ओलावृष्टि और बारिश के कारण रबी और उद्यानिकी फसल को हुई क्षति के लिए किसानों ने राहत राशि की मांग करने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक राजकुमार गुप्ता ने बताया कि तत्काल मैदानी अमले से नुकसान का सर्वे कराया जाना चाहिए। किसान नेता राकेश ठाकुर ने भी प्रशासन से तत्काल नुकसान के आंकलन और मुआवजा की घोषणा की मांग की है।

संयुक्त संभागीय किसान मोर्चा, संभागीय संयोजक, रविप्रकाश ताम्रकार ने बताया कि बारिश से धान व सब्जी उत्पादक किसानों को काफी नुकसान होगा। इसका सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसकी मांग की जाएगी। बिना किसी औपचारिकता के तत्काल मुआवजा स्वीकृत कर किसानों को भुगतान किया जाना चाहिए।