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NEET में ऑल इंडिया टॉपर बना CG का प्रांजल, बेटे को पढ़ाने के लिए डॉक्टर मां ने छोड़ दी थी प्रैक्टिस, पढि़ए सक्सेस स्टोरी

NEET 2020 Result: देशभर के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। एक बार फिर इस्पात नगरी ने अपना परचम लहराया है।

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भिलाई

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Dakshi Sahu

Oct 18, 2020

NEET में ऑल इंडिया टॉपर बना CG का प्रांजल, बेटे को पढ़ाने के लिए डॉक्टर मां ने छोड़ दी थी प्रैक्टिस, पढि़ए सक्सेस स्टोरी

NEET में ऑल इंडिया टॉपर बना CG का प्रांजल, बेटे को पढ़ाने के लिए डॉक्टर मां ने छोड़ दी थी प्रैक्टिस, पढि़ए सक्सेस स्टोरी,NEET में ऑल इंडिया टॉपर बना CG का प्रांजल, बेटे को पढ़ाने के लिए डॉक्टर मां ने छोड़ दी थी प्रैक्टिस, पढि़ए सक्सेस स्टोरी,NEET में ऑल इंडिया टॉपर बना CG का प्रांजल, बेटे को पढ़ाने के लिए डॉक्टर मां ने छोड़ दी थी प्रैक्टिस, पढि़ए सक्सेस स्टोरी

भिलाई. देशभर के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। एक बार फिर इस्पात नगरी ने अपना परचम लहराया है। मूलत: धमतरी के रहने वाले प्रांजल उपाध्याय ने टॉप 100 रैंक में जगह बनाकर भिलाई का मान बढ़ाया है। 720 में 700 अंक हासिल कर उन्होंने ऑल इंडिया में 90 रैंक हासिल किया है। प्रांजल के माता-पिता पेशे से डॉक्टर हैं। पिता रोशन उपाध्याय सर्जन और मां रश्मि उपाध्याय स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। दसवीं तक धमतरी में पढऩे के बाद प्रांजल नीट की तैयारी करने भिलाई आ गए। यहां के एक नामी स्कूल में 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की। शुरू से ही मेधावी प्रांजल की खास बात यह है कि उसने 12वीं में अध्ययनरत रहते ही नीट में भी सफलता हासिल की है। प्रांजल बताते हैं कि वे लक्ष्य के प्रति फोकस रहकर पढ़ाई की। स्कूल के अलावा नियमित 6 घंटे वे पढ़ते थे।

बेटे की पढ़ाई के लिए दो साल प्रैक्टिस बंद रखी डॉक्टर मां ने
प्रांजल की मां रश्मि कहती हैं कि उन्होंने भी अपनी शिक्षा भिलाई में ही पूरी की है। भिलाई के शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई और यहां का माहौल बहुत अच्छा है। इसलिए प्रांजल को नीट की तैयारी के लिए कोटा भेजने का कभी नहीं सोचा। उनके परिवार में दो और बच्चे भी भिलाई में ही पढ़कर चयनित हुए हैं। इसलिए भिलाई पर पूरा भरोसा था। रश्मि कहती हैं कि कोटा मेें इतनी दूर बच्चे को अकेला छोडऩा पड़ता। बच्चे वहां बहुत डिप्रेश भी हो जाते हैं। बेटे प्रांजल की नीट की तैयारी के लिए उन्होंने दो साल से अपनी प्रैक्टिस बंद कर रखी है।

भिलाई के प्रति बच्चों और अभिभावकों का विश्वास बढ़ा है
गोल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर रंजीत सिंह कहते हैं कि इस साल ट्विनसिटी के ज्यादा बच्चों का सलेक्शन होगा। ऑल इंडिया रैंक में जिस तरह से यहां के बच्चे ने 90 रैंक हासिल किए हैं वह एजुकेशन हब के लिए शुभ संकेत है। बच्चों और उनके अभिभावकों का विश्वास बढ़ा है। उनके यहां 600 रैंक से ऊपर चार और 67 से भी ज्यादा छात्र 500 रैंक से ज्यादा हासिल किए हैं। 100 छात्र केटेगरी से हैं जो सफल हुए हैं। केमेस्ट्री वल्र्ड (आईआईटी वल्र्ड) के डायरेक्टर शैलेंद्र तिवारी और जितेंद्र तिवारी ने 600 रैंक से ऊपर के तीन छात्राओं सहित 63 अन्य के चयन का दावा किया है। कोटा स्टडी सर्किल ब्रांच भिलाई के संचालक ने बताया है कि उनकी संस्था से 138 बच्चे नीट में विभिन्न माक्र्स के साथ सेलेक्ट हुए हैं। छात्रों ने अधिकतम 628 अंक प्राप्त कर दिखा दिया है कि स्थान कोई भी हो अगर मेहनत तथा जोश के साथ अध्ययन किया जाए तो सफलता निश्चित ही कदम चूमती है।

ये है पिछले साल का कट ऑफ
सामान्य- 516
ओबीसी- 514
एससी- 394
एसटी- 304
ईडब्ल्यूएस- 442

विभिन्न शिक्षण संस्थानों के नतीजे
केमेस्ट्री वल्र्ड (आईआईटी वल्र्ड) : आफ्शा कुरैशी 647, प्रियंका नायक- 612, वी. श्रुति ने 605 अंर्जित किए है।
गोल एकेडमी: चेष्टा पटेल 614, कन्हैया 611, तानसेन 609, युवराज 603, सौम्या 586, अनुभव-585, सिवानी 585, देवेंद्र-580, लेखराम 570, तुलेश्वर-569, संजय-567, मेघा 568, सुनिधि 564, मनीष-558नाज 550, अजय 553, जगदीश 542, अमीत 532, अनामिका 524, पीयूष 516, संध्या ने 501 अंक प्राप्त किए हैं।
कोटा स्टडी सर्कल भिलाई: राहुल कुमार 628, संस्कार सैनी 618, इमरान नवीन 596, मनोहर सिंह 594, सुरभि साहू 526, धनश्री 520, निशा साहू 511 , सौरव मार्कंडेय 510, सुभाषिनी 435, दीपिका चंद्रा 483, ग्यारसी लाल 480 अंक अर्जित किए हैं।