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दसवीं के छात्र ने की अपने मौत की डेंजर प्लानिंग, कॉपी पर बनाया स्केच, फिर किया साइन और झूल गए फंदे पर

10 वीं के छात्र (15 वर्ष) ने कंप्यूटर की परीक्षा देकर अपने घर के बाथरूम में नायलॉन की रस्सी से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मौत से पहले उसने कॉपी के तीन पन्नों पर सुसाइड चैलेंज गेम जैसा स्टेप बाई स्टेप अपनी मौत की प्लानिंग को दर्शाया है। (Bhilai Police)

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भिलाई

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Dakshi Sahu

Feb 23, 2020

दसवीं के छात्र ने की अपने मौत की डेंजर प्लानिंग, कॉपी पर बनाया स्केच, फिर किया साइन और झूल गए फंदे पर

दसवीं के छात्र ने की अपने मौत की डेंजर प्लानिंग, कॉपी पर बनाया स्केच, फिर किया साइन और झूल गए फंदे पर

भिलाई. एमजीएम स्कूल के 10 वीं के छात्र (15 वर्ष) ने कंप्यूटर की परीक्षा देकर अपने घर के बाथरूम में नायलॉन की रस्सी से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। वह गुरुवार को परीक्षा देकर औद्योगिक नगर हाउसिंग बोर्ड स्थित अपने घर पहुंचा। रात में बाथरूम के रोशनदान के एंगल पर रस्सी बांधकर फंदे से लटक गया। मौत से पहले उसने कॉपी के तीन पन्नों पर सुसाइड चैलेंज गेम जैसा स्टेप बाई स्टेप अपनी मौत की प्लानिंग को दर्शाया है। हालांकि परिजनोंं का कहना है कि मृत छात्र के पास पास स्मार्टफोन नहीं था। की-पैड मोबाइल इस्तेमाल करता था। छात्र के मौत का तरीका देख पुलिस पब्जी (PUBG), ब्लूवेल (Blue Whale) और मोमो जैसे ऑनलाइन टास्क गेम की आशंका जताते हुए मामले की विवेचना कर रही है। (School student suicide in Bhilai)

जामुल थाना पुलिस ने बताया कि घटना गुरुवार रात 9.30 बजे की है। हाउङ्क्षसग बोर्ड एमआईजी 374 निवासी देव कुमार यादव, पिता भागवत प्रसाद यादव (15 वर्ष) एमजीएम स्कूल का 10 वीं का छात्र है। गुरुवार वह कंप्यूटर सब्जेक्ट का पेपर देकर स्कूल से घर पहुंचा। घर में रोज की तरह हंसी ठिठोली और सामान्य बातचीत हुई। शाम को कुत्ते के लिए किराना दुकान से अंडे लाया। अपनी मां को अंडे उबालने के लिए कहा। घर पर छोटी बहन थी। इस दौरान उसने दो बार बाथरुम में आना जाना किया।

तीसरी बार में उसने नायलॉन की रस्सी वेंटिलेटर खिड़की से बांधा। बाल्टी पर खड़े होकर गले में फंदा लगाया और झूल गया। जब उसकी मां शशि यादव घर पहुंची तो बेटी से पूछा देव कहां है। छोटी बेटी ने कहा कि भाई बड़ी देर से बाथरुम में गया है, लेकिन निकला नहीं। तब शशि ने बेटी को उठाकर खिड़की से देखने कहा। बहन ने भाई को दीवार से टिका हुआ देखा। फिर मां बाथरुम का दरवाजा तोड़कर अंदर गई देखा तो उसके होश उड़ गए। देव को गोद में उठा लिया, बहन ने रस्सी काटा। उसे तत्काल स्पर्श हॉस्पिटल ले गए। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मर्ग कायम कर पुलिस ने इसे जांच में लिया है।

परिजन व पुलिस को पब्जी गेम की आशंका
छत्तीसगढ़ जनता जोगी कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष व देव के पिता भागवत प्रसाद ने बताया कि जिस तरह से बेटे देव ने कॉपी में तीन स्टेप में सुसाइड करने की प्लानिंग की है, यह अक्सर ब्लूवेल और पब्जी गेम में किया जाता है। हालांकि जब वह परीक्षा देकर आया शाम को उसे पडऩे के लिए सामन्य तौर पर थोड़ी डांट लगाई थी। इसके बाद मंदिर में पूजा सामग्री लेने के लिए चला गया। पता चला कि देव ने फांसी लगा लिया है।

पढऩे वाले ग्रुप के साथ थी दोस्ती
देव के बड़े भाई सन्नी यादव ने बताया कि देव पडऩे में मेधावी था। गुरुवार को हमसे कहा कि डॉग पम्मी के लिए अंडे लेकर आया हूं। मुझे एक शादी पार्टी में जाना था। शुक्रवार को उसका बैग चेक किया तो एक कॉपी मिली। उस पर सुसाइड की प्लानिंग की स्केच बनी है। उसने अपने फेसबुक आइडी में जितने दोस्त है उन्हें ब्लॉक कर दिया है। मैं घर से चला गया था। मेरे भाई को कोई परेशानी थी तो एक बार बोलता तो सही और बड़ा भाई रो पड़ा।

पहना था किंग वाली अंगूठी
मृतक छात्र के परिजनों ने बताया कि देव अंगूठी नहीं पहनता था, लेकिन मौत के दिन वह किंग वाली अंगूठी पहना था। सन्नी ने कहा कि उसे सोने की अंगूठी दिया, लेकिन वह कभी नहीं पहना। लेकिन घटना के दिन उसकी उंगली में किंग मोनो बनी एक अगूंठी मिली। यह कोई ऑनलाइन टॉस्क गेम है। जो अपनी ट्यूशन कॉपी में पेन से लिखा है। अंगूठी से शक हो रहा है।

जानिए तीन स्टेप में किस तरह से किया छात्र ने की मौत प्लानिंग
स्टेप-1
जब हिम्मत हो, कर सको, तो ही शर्त लगाओ
बहुत हिम्मत है मेरे अंदर..ओके..।

स्टेप-2
कल तक नहीं होगा.. कैमेस्ट्री में कार्बन कंपाउंट में लिखा है।... होगा देव का साइन किया है।

स्टेप-3
एक लड़के का पुतला स्केच से बनाया। उस पुतला की गर्दन में बाथरूम के रोशनदान में लगे एंगल से रस्सी का स्केच बना है। साइड में लिखा हॉरेबल। 100/100 गोला किया हुआ है। देव की जन्म तिथि 11 जून 2004 लिखकर काट दिया। फिर अपना साइन किया।

डायरी में बच्चे ने की है मौत की प्लानिंग
एसएसपी अजय यादव ने बताया कि 10 वीं के छात्र ने बाथरुम में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पैरेट्स की डांट का कारण आ रहा था, लेकिन शुक्रवार को एक डायरी मिली है। उसमें मौत के तरीके को दर्शाया है। टीआई को जांच करने के लिए कहा है। फिलहाल पूछताछ में पब्जी और ब्लूवेल गेम की बात नहीं आई है।

बच्चे उठाते हैं नकारात्मक कदम-मनोचिकित्सक
मनोचिकित्सक डॉ. प्रमोद गुप्ता ने बताया ऑनलाइन गेम चैलेजिंग होते हंै। बच्चे खेलते-खेलते इसमे डूब जाते हैं। गेम को अपनी जिंदगी का पार्ट समझ बैठते हैं। यदि वह दिए गए टारगेट को पूरा नहीं कर पाते, गेम में फेल होने लगते है तब बच्चे नकारात्मक कदम उठाने लगते हैं। गुस्सा, आक्रोश, अंतरमुखी, अकेलापन, और आत्मविश्वास की कमी होने लगती है। इसके बाद कई बार यह आत्महत्या की वजह बन जाती है।