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RTE Admission 2026: इस जिले के 536 निजी स्कूलों में 6,598 सीटें, 1 जनवरी से शुरू होगी प्रवेश प्रक्रिया, देखें Details

RTE Admission 2026: अब आरटीई के तहत नर्सरी की बजाय सीधे कक्षा पहली में ही प्रवेश दिया जाएगा। इस फैसले का असर दुर्ग जिले के 536 निजी स्कूलों पर पड़ेगा, जहां नए सत्र में कुल 6,598 सीटों पर दाखिले होंगे।

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आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया (photo-patrika)

आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया (photo-patrika)

RTE Admission 2026: छत्तीसगढ़ में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। अब आरटीई के तहत नर्सरी की बजाय सीधे कक्षा पहली में ही प्रवेश दिया जाएगा। इस फैसले का असर दुर्ग जिले के 536 निजी स्कूलों पर पड़ेगा, जहां नए सत्र में कुल 6,598 सीटों पर दाखिले होंगे।

शिक्षा विभाग ने आरटीई की धारा 12(1)(ग) के तहत केवल कक्षा पहली में प्रवेश देने का प्रस्ताव लोक शिक्षण संचालनालय के माध्यम से शासन को भेजा था, जिसे राज्य शासन ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद नए शैक्षणिक सत्र के लिए आरटीई प्रवेश का शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है।

RTE Admission 2026: क्या होगा असर

शिक्षाविदों का कहना है कि आरटीई के शुरुआती वर्षों में प्रवेश कक्षा पहली से ही होता था, लेकिन बाद में निजी स्कूलों की मांग पर नर्सरी जैसी एंट्री कक्षाओं में भी दाखिले की अनुमति दी गई। नर्सरी से पढ़ाई शुरू होने पर बच्चों की नींव मजबूत होती थी और वे स्कूल के माहौल में आसानी से ढल जाते थे। अब सीधे पहली में प्रवेश होने से बीपीएल वर्ग के बच्चों पर पढ़ाई का दबाव बढऩे, पिछडऩे व ड्रॉपआउट की आशंका जताई जा रही है। पालकों का कहना है कि निजी स्कूलों में आरटीई के तहत निशुल्क शिक्षा के लिए अब केवल एक ही मौका मिलेगा, जबकि पहले तीन वर्षों तक अवसर मिलता था।

आरटीई प्रवेश शेड्यूल (पहला चरण)

  • 1 से 31 जनवरी: स्कूल प्रोफाइल अपडेट
  • 7 फरवरी तक: नोडल प्राचार्यों द्वारा सत्यापन
  • 16 फरवरी से 31 मार्च: बच्चों का पंजीयन व आवेदन सत्यापन
  • 13 से 17 अप्रैल: लॉटरी व सीट आवंटन
  • 1 से 30 मई: चयनित स्कूलों में दाखिला

दूसरा चरण इस तरह

  • 1 से 11 जुलाई: पंजीयन
  • 15 जुलाई तक: आवेदन सत्यापन
  • 27 से 31 जुलाई: लॉटरी
  • 17 अगस्त तक: आवंटित स्कूल में प्रवेश

पात्रता में भी बदलाव

अब तक शहरी क्षेत्रों में 2007 और ग्रामीण क्षेत्रों में 2002 की जनगणना के आधार पर पात्रता तय होती थी। नए सत्र से 2011 की जनगणना के अनुसार पात्रता लागू होगी। इसके तहत अंत्योदय कार्डधारी परिवारों के बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश दिया जाएगा। शिक्षा विभाग का कहना है कि नई व्यवस्था (RTE Admission 2026) से प्रवेश प्रक्रिया पारदर्शी और एकरूप होगी, वहीं पालक और शिक्षाविद इसके सामाजिक असर को लेकर सवाल उठा रहे हैं।