
निलंबित ADG मुकेश गुप्ता की बढ़ी मुश्किलें, जिस महिला से किया था गंधर्व विवाह, शिकायत लेकर वही पहुंची थाने
भिलाई . निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता (ADG Mukesh Gupta) अपने ही बनाए मकडज़ाल में फंसते जा रहे हैं। सुपेला पुलिस ने 21 साल पुराने एक मामले में एफआइआर दर्ज कर उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी। पुलिस ने माणिक मेहता की शिकायत पर गुप्ता के खिलाफ धारा 409 (लोक सेवक या बैंक कर्मचारी, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा विश्वास का अपराधिक हनन), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 467 (वसियत की कूटरचना), धारा 468 (छल के प्रयोजन से कूटरचना), धारा 471 (कूटरचना दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख का असली के रूप में उपयोग), धारा 201 (अपराध के साक्ष्य को विलोपित करना) और धारा 421 (लेनदारों की वितरण करने पर बेइमानी) के तहत जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।
दुर्ग एसपी रहते हुए की जमीन की हेराफेरी
पुलिस के मुताबिक गुप्ता ने दुर्ग में एसपी रहते हुए भिलाई साडा की जामीन की हेराफेरी कर बेचा था। पुलिस के मुताबिक मध्य प्रदेश शासन ने 8 जून 1998 को अधिसूचना जारी कर भिलाई साडा को भंग कर दिया। मुकेश गुप्ता (ADG Mukesh Gupta) एसपी होने के नाते साडा भिलाई के पदेन सदस्य थे। उन्होंने अपने पद व प्रभाव का दुरुपयोग कर साडा भंग होने के बाद 9 जून 1998 को 2928 वर्गफुट भू-खंड के बदले उससे लगभग दोगुने 5810 वर्गफुट भूखंड की रजिस्ट्री चेक देकर करा लिया था। इस चेक की राशि 13 जून को निकालने की तीथि दी। यानि बिना पैसे दिए भंग हो चुके साडा से जमीन को अपने नाम करा लिया था। (Bhilai police)
मिक्की मेहता की बहन माणिक ने की थी गुप्ता के खिलाफ शिकायत
पुलिस के मुताबिक माणिक मेहता की बहन मिक्की मेहता के साथ मुकेश गुप्ता ने कथित तौर पर गंधर्व विवाह किया था। शादी के कुछ वक्त बाद मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। सुपेला थाना प्रभारी राजेन्द्र ङ्क्षसह कंवर ने बताया कि माणिक ने मुकेश गुप्ता पर आरोप लगाया था कि दुर्ग पुलिस अधीक्षक पद पर रहकर उन्होंने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर साडा भंग होने के बाद मोतीलाल आवासीय योजना में 540 वर्ग मीटर जमीन को अपने नाम पर आबंटन करा लिया था। (Bhilai crime news)
नहीं दी पुलिस मुख्यालय को जानकारी
साडा भंग हो गया जिसकी जानकारी होने के बाद भी कूटरचना कर वर्णित भू- खंड क्रमांक 67, प्लांट क्रमांक 5 की रजिस्ट्री अपने नाम करवा लिया था। गुप्ता पर आरोप है कि उक्त भूखंड पर 11 सितम्बर 2000 तक कोई भव निर्माण नहीं हुआ था। उन्होंने उस जमीन पर 12 अप्रैल 2001 को नगर निगम भिलाई, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से भवन अनुज्ञा प्राप्त किया। 17 नवम्बर 2003 में उसी जमीन पर भवन निर्माण करा लिया। इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय को भी नहीं दी।
विक्रेता ने कर दिया नया सौदा
मामले की शिकायत होने बाद उस मकान को 42 लाख रुपए में बेच दिया। दिल्ली में 1 करोड़ 5 लाख रुपए का घर खरीदा। हलांकि कि मकान को पहले लगभग 27 लाख रुपए में बेचने की सूचना मुकेश गुप्ता ने विभाग को लिखित रूप में दी थी। सौदा रद्द होने की भी सूचना विभाग को दी गई, लेकिन अगले ही दिन नए विक्रेता से उसी संपत्ति का सौदा 42 लाख रुपए में कर दिया गया। (Bhilai crime news)
कार्रवाई की जाएगी
एएसपी शहर रोहित कुमार झा ने बताया कि एक जमीन के मामले में माणिक मेहता की शिकायत पर धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया गया है। यह मामला जमीन से संबंधित विवाद को लेकर किया गया है। इस मामले में विवेचना की जा रही है, जो तथ्य सामने आएंगे। आगे की कार्रवाई की जाएगी। (Bhilai police)
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Published on:
19 Jun 2019 11:11 am
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