
Bhilai Gangrape : जज कोर्ट में हाजिर हुए गवाही देने, तब मिली डॅाक्टर और आरक्षक सहित अरोपियों को सजा, जीवन भर रहना पड़ेगा जेल में
दुर्ग@patrika.कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से न केवल आवागमन बंद है, बल्कि सरकारी कामकाज भी ठप है। कोरोना वायरस संक्रमण लॉकडाउन के बीच जिला न्यायालय में कामकाज शुरू हुआ है। (Corona lockdown) केवल अनिवार्य प्रकरणों की सुनवाई ही हो पा रही है। (Court Decision) न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू मोटर दुर्घटना दावा के एक प्रकरण पर न केवल समझौता कराया, बल्कि पीडि़त पक्ष को मुआवजा राशि दिलाकर राहत पहुंचाई है। (Bhilai patrika news)
दो माह के भीतर पीडि़त पक्ष को 9 लाख रुपए क्षतिपूर्ति दें
न्यायाधीश ने समझौता के तहत कोटक महेन्द्रा जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड गौरवपथ पुलिस हेड क्वार्टर रोड रायपुर को निर्देश दिए है कि दो माह के भीतर पीडि़त पक्ष को 9 लाख रुपए क्षतिपूर्ति दें। निर्धारित समय सीमा पर राशि नहीं दी गई तो क्षतिपूर्ति राशि पर 6 प्रतिशत वार्षिक दर पर साधारण ब्याज बीमा कंपनी को देना होगी। इस राशि में एक लाख नकद देना होगा। वहीं शेष राशि राष्ट्रीयकृत बैंक में 5 वर्ष की अवधि के लिए जमा कराना होगा। इस मामले में राजीव नगर दुर्ग निवासी भावना श्रीवास्तव (45) ने न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया था।
यह है मामला
प्रकरण के मुताबिक घटना 20 जून 2019 की है। भावना श्रीवास्तव की बेटी नेहल श्रीवास्तव अपने दोस्त रितेश कुमार गौतम के साथ दुर्ग से खैरागढ़ जा रही थी। कार तेज रफ्तार थी। ग्राम पवनतरा स्थित दुर्गा मंदिर के समीप कार अनियंत्रित हो गई और एक बाइक को ठोकर कर पलट गई। इस घटना में नेहल को गंभीर चोट आई थी। उसे रायपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था।
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Published on:
20 May 2020 11:54 pm
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