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बांग्लादेश से लेकर गुजरात तक इंटरनेशनल बॉर्डर पर सेवा दे चुके दिनेश बने BSF जी ब्रांच के नए कमाण्डेंट

BSF देश की सुरक्षा में अग्रिम पंक्ति पर खड़ी है और देश के अंदरूनी हिस्सों में भी बीएसएफ माओवाद से लोहा लेकर प्रदेशों की प्रगति में साथ दे रही है।

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भिलाई

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Dakshi Sahu

Feb 16, 2021

बांग्लादेश से लेकर गुजरात तक इंटरनेशनल बॉर्डर पर सेवा दे चुके दिनेश बने बीएसएफ जी ब्रांच के नए कमाण्डेंट

बांग्लादेश से लेकर गुजरात तक इंटरनेशनल बॉर्डर पर सेवा दे चुके दिनेश बने बीएसएफ जी ब्रांच के नए कमाण्डेंट

कोमल धनेसर@भिलाई. फोर्स का काम हमेशा टफ ही होता है, लेकिन स्थानीय लोगों के विश्वास की वजह से फोर्स सुरक्षा के साथ-साथ विकास के रास्ते भी खोलती है। बांग्लादेश बार्डर से गुजरात स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा तक हम एक सा काम करते हैं बस भौगोलिक परिस्थितियां बदलती है। बीएसएफ देश की सुरक्षा में अग्रिम पंक्ति पर खड़ी है और देश के अंदरूनी हिस्सों में भी बीएसएफ माओवाद से लोहा लेकर प्रदेशों की प्रगति में साथ दे रही है। यह बातें बीएसएफ फ्रंटीयर में जी ब्रांच की कमान संभालने आए कमाण्डेंट दिनेश मुर्मू ने कही। कमाण्डेंट दिनेश ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ के कांकेर और नारायणपुर जिले में तैनात फोर्स की सारी बटालियन और सीओबी की विजिट कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ के माओवादी क्षेत्र में जिस तरह इतने वर्षों में फोर्स आगे बढ़ी और क्षेत्र का विकास हुआ उसे देखकर लगता है कि यहां के लोगों का विश्वास जीतने में बीएसएफ सफल रही। उन्होंने कहा कि माओवाद से लडऩे के लिए लोगों की विचारधारा बदलना जरूरी है और विचारधारा तभी बदलेगी जब उस क्षेत्र में शिक्षा, सड़क, पानी, बिजली और स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा के साथ रोजगार के ढेर सारे अवसर होंगे।

लोगों की सोच से पड़ता है फर्क
अपने 30 वर्ष के सेवाकाल में नार्थ ईस्ट से लेकर गुजरात स्थित भुज में एलओसी और ओडि़शा के माओवादी क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे चुके कमाण्डेंट दिनेश का मानना है कि फोर्स को अपना काम करने के लिए स्थानीय लोगों का विश्वास सबसे पहले जीतना होता है। क्योंकि कई बार लोगों की सोच हमारा काम आसान भी करती है और मुश्किलें भी बढ़ाती हैं। उन्होंने बताया कि नार्थ ईस्ट में जहां लोग किसी भी फोर्स को जल्दी नहीं अपनाते थे, वहीं गुजरात में फोर्स के प्रति लोगों का अलग ही सम्मान नजर आता है। उन्होंने बताया कि उड़ीसा और नार्थ ईस्ट में फोर्स की वजह से ही कई सरकारी योजनाओं का लाभ अंदरूनी इलाकों तक पहुंचा।

चैलेंज हर जगह
कमाण्डेंट मुर्मू का मानना है कि फोर्स में काम करने वालों के लिए चैलेंज हर जगह है, लेकिन चैलेंज को स्वीकार कर उसे पूरा करना बीएसफ बखूबी जानती है। यही वजह है कि देश की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसफ के कंधों पर सबसे ज्यादा है।