
दुर्ग . सुआ महोत्सव के दौरान एवं बाद में रविवार की शाम मीडिया दफ्तरों में एक गुमनाम पत्र ने फिर खलबली मचा दी है। पत्र में किसी का नाम तो नहीं लिखा है किंतु इशारों में आयोजन के नाम पर करोड़ों रुपए हड़पने और यहां संस्कृति के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया गया है। वहीं भेजने वाले ने भी अपना नाम गुप्त रखते हुए सिर्फ आपका अपना लिखा गया है। कथित तौर पर यह पर्चा महोत्सव के दौरान भीड़ में बांटा गया है। इसमें अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रीय महासचिव पर विश्व रिकॉर्ड के बहाने जनता के पैसों का दुरुपयोग और खुद का रिकॉर्ड चमकाने की कोशिश का आरोप लगाया गया है। शाम को यही पर्चा अखबार के दफ्तरों में बांटे गए।
किसी व्यक्ति विशेष के नाम का उल्लेख नहीं
ऐसा ही पर्चा पत्रिका के भी हाथ लगा है। पर्चा में किसी व्यक्ति विशेष के नाम का उल्लेख नहीं है, वहीं भेजने वाले की जगह केवल आपका अपना लिखा गया है। पर्चा में सुआ महोत्सव के आयोजन के लिए सरकारी खजाने से पांच करोड़ रुपए निकाले जाने की बात भी कही गई है। जिसे आयोजन की आड़ में नेताओंं और अफसरों को बांटे जाने का आरोप लगाया गया है। पर्चा में युवाओं को आगाह करते हुए व्यक्ति पूजा की बजाए देश के विकास में योगदान की अपील की गई है।
आयोजन को बताया चुनावी हथकंडा
पर्चा में सुआ नृत्य के आयोजन पर भी सवाल खड़ा किया गया है। कहा गया है कि विश्व रिकॉर्ड बहाने खेती किसानी में लगी महिलाओं को लालच देकर बुलाया गया। कई महिलाओं को साड़ी और भोजन तो दूर मानदेय तक नहीं दिया गया। वहीं स्कूली बच्चों को भी जबरिया रोके रखा गया।
भावनाओं से किया खिलवाड़
पर्चा में आयोजकों पर सुआ नृत्य के बहाने भोली-भाली जनता की भावनाओं से भी खिलवाड़ का आरोप लगाया गया है। बताया गया है कि सुआ नृत्य के बाद परिवार को आशीष देने का रिवाज है, जिसमें घर में भंडार भरा रहने का आशीष दिया जाता है, लेकिन जिन्हें आशीष देने बुलाया गया है, उनका ही भंडार खाली हो गया है।
Published on:
29 Oct 2017 11:21 pm
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