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कोरोना संकट में ऑनलाइन पढ़ाई को आफत की बजाय इस महिला टीचर ने समझा जिम्मेदारी, खेल-खेल में बनाया पढ़ाई को मजेदार

लॉक डाउन की अवधि से अब तक उन्होंने अपने घर पर ही अनुपयोगी वस्तुओं से गणित से लेकर हिन्दी व्याकरणों का टीएलएम तैयार कर बच्चों का कोर्स पूरा कराने के लिए जुटी हुई है।

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भिलाई

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Dakshi Sahu

Jul 25, 2020

कोरोना संकट में ऑनलाइन पढ़ाई को आफत की बजाय इस महिला टीचर ने समझा जिम्मेदारी, खेल-खेल में बनाया पढ़ाई को मजेदार

कोरोना संकट में ऑनलाइन पढ़ाई को आफत की बजाय इस महिला टीचर ने समझा जिम्मेदारी, खेल-खेल में बनाया पढ़ाई को मजेदार

दुर्ग. विश्वस्तर पर फैले महामारी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। विश्वविद्यालय से लेकर प्राथमिक स्कूलों के दरवाजे बंद कर दिए गए है। ऐसी स्थिति में चालू शैक्षणिक वर्ष में विद्यार्थियों को अल्प समय में कोर्स को पूरा कराना शिक्षक समुदाय के सामने चुनौती है। शासन ने अपने स्तर पर प्लेटफार्म अवश्य तैयार किया है जिसका बखूबी उपयोग कुछ शिक्षक कर रहे हंै। शासकीय प्राथमिक स्कूल सिरसा खुर्द की महिला शिक्षिक नंदा देशमुख घर पर ही पढ़ई तुहर दुआर प्लेटफार्म के माध्यम से कुछ हटकर कार्य कर रही हैं। लॉक डाउन की अवधि से अब तक उन्होंने अपने घर पर ही अनुपयोगी वस्तुओं से गणित से लेकर हिन्दी व्याकरणों का टीएलएम तैयार कर बच्चों का कोर्स पूरा कराने के लिए जुटी हुई है।

स्कूल के बजाय घर में पढऩे में विद्यार्थियों के सामने ढेर सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा। नंदा देशमुख का कहना है कि ऐसे समय में केवल मोबाइल और पाठ्य सामाग्री को समझांना बेहद कठिन है। इसलिए बच्चों को कम से कम समय पाठ्य में दिए विषय वस्तु को समझाने के लिए उन्होंने ऐसे अनुपयोगी वस्तुओं का चयन किया है जिसे बच्चे रोज खेल खेल में उपयोग कर फेक देते है। किसी तरह से चूक न हो इसके लिए महिला शिक्षक पहले एबीओ राजेश्वरी चंद्राकर व सीएससी जयंत यादव से विषय वस्तु को लेकर चर्चा करती है।

इसके बाद ही वे टीएलएम को बच्चों के समक्ष प्रस्तुत करती है। उनका कहना है क किसी भी वस्तु व सामान का उपयोग समझाने में करने से बच्चों के दिमाग में सीधा असर करता है। यहीं वजह है कि उन्होंने खाना खाते समय उपयोग में लाए चम्मच, गिलास प्लेट से लेकर बच्चों के खाने वाले चिप्स पैकेट, खाली सैंपू बॉडल, चाय पत्ती का पैकेट, बिस्किट का पैकेट, टीवी सिरियल रामायण के पात्रों का फोटो, चाकलेट का रैपर, आदि व्यस्तुओं का उपयोग टीएलएम में किया। खास बात यह है कि क्लास में शामिल बच्चे भी उसी तर्ज पर होम वर्क तैयार कर उसे मोबाइल पर शेयर कर रहे हैं।

बच्चों को आयत और त्रिभुज को समझाने के लिए नंदा ने चायपत्ती, साबुन के डिब्बों के अलावा बिन्दी के पैकेट को उस आकार में पहले काटा और ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से बच्चों को पहले पूछा कि खाली रैपर या पैकेट किस चीज का है। इसके बाद बच्चे के जवाब आने पर उसी सामान से तैयार किए आयत, त्रिभुज, वर्ग के अलावा बड़ी संख्या और छोटी संख्या व आरोही-अवरोही को समझाने के लिए तेल के बड़े छोटे और एक से अधिक एकत्रित कर उसे समझाया। खास बात यह है धारावाहिक रामायण के पात्रों के चित्र को दिखाकर सममिति अध्याय को आसानी से पढ़ाया।

अंग्रेजी ग्रामर को समझाने यह किया
अंग्रेजी ग्रामर को समझाने के लिए कॉमिक्स व अखबार में दिए चित्र को काटकर उसे अलग-अलग उपयोग किया। महिला शिक्षक ने मिनुरल वॉटर के खाली बॉटल के अलावा बच्चों के टूटे फूटे औक एनिमल खिलौने को उपयोग कर नाउन, प्रोनाउन, आर्टिकल और जेंडर को आसान तरीके से समझाया।

हिन्दी के लिए अभिनव प्रयोग
नंदा देशमुख ने बताया कि हिन्दी व्याकरण को समझाने के लिए उन्होंने हिन्दी व्याकरण को प्लेट, चम्मच के अलावा चिप्स, बिस्कुट, चॉक लेट, नमक सेवई के रैपर व अगर बत्ती के खाली पैकेट के माध्यम से टीएलएम तैयार किया। शून्य निवेश में तैयार टीएलएम के माध्यम से रैपर में दिए चित्र के भाव को व्याकरण से जोड़कर बच्चों को समझाया गया। निबंध तैयार करने की विधि को स्थाई भाव तैयार कर चित्र के माध्यम से आसान बनाया।