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यही है हमारी गंगा-यमुना तहजीब… जुलूस में मिले और एक-दूसरे को लगा लिया गले

जुलुसे मोहम्मदी की कीयाद हजऱते अल्लामा मौलाना माज़ अशरफ़ी अशरफ़ुल जिलानी किछोछा ने की

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यही है हमारी गंगा-यमुना तहजीब... जुलूस में मिले और एक-दूसरे को लगा लिया गले

यही है हमारी गंगा-यमुना तहजीब... जुलूस में मिले और एक-दूसरे को लगा लिया गले

दुर्ग@Patrika. गंगा-जमना तहजीब हमारे शहर की खासियत है। रविवार को दो अलग-अलग धर्म के लोगों ने शहर में वर्षो से चली आ रही भाईचारे की बुनियाद को और मजबूती दी। रविवार को जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर मुस्लिम समाज का जुलूस और गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर सिख समाज का नगर कीर्तन निकला। दोनों जुलूस स्टेशन रोड पर जैसे ही आमने सामने हुए एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। दोनों समाज के लोगों ने आगे बढ़कर एक-दूसरे का स्वागत किया। एक दूसरे के सामाज के धर्मगुरुओं का फूलमाला पहना कर सम्मान किया गया। दोनों समाज ने भाईचारे, सद्भाव और एकता की मिसाल पेश की।
पैगम्बर मोहम्मद साहब के जन्म दिन पर बुधवार को शहर में ईद मिलाद उन्नबी का जुलूस शाही अंदाज में निकला। हर तरफ 'या रसूलÓ के नारे गूंज रहे थे।
ट्विनसिटी के मदरसों से सुबह के वक्त बच्चों की रैलियां निकली, जिसका स्वागत करने लोग अपने घरों के सामने तैयार खड़े थे। चौराहों और मोहल्लों में मिठाइयां बांटी गईं। बच्चों को शरबत और नमकीन परोसा गया। रंग-बिरगे पोषाक पहने बच्चों की मुस्कुराहट देखकर हर कोई पैगम्बर मोहम्मद से अपने लिए दुआएं मांग रहा था।

पावर हाउस से शुरू हुआ जुलूस
दोपहर में जोहर की नमाज अदा करने के बाद मस्जिदों में मुख्य जुलूस की तैयारियां शुरू हो गई। लंगर बंटवाने के इंतजार होने लगे। इसके बाद शाम करीब ४ बजे ईद मिलाद उन्नबी का जुलूस रजा जामा मस्जिद लिंक रोड से रवाना हुआ, पॉवर हाउस ओवर ब्रिज के रास्ते टाउनशिप में दाखिल हुआ। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यहां पकवानों के दर्जनों स्टॉल लगाकर रखे थे।

मस्जिद पहुंचते ही हुई परचम कुशाई
जुलूस के पहुंचते ही उन्हें लंगर वितरण किया। एक से एक शरबत से लेकर रबड़ी और स्वादिष्ट केक सबकी जुबान पर मिठास घोल रहा था। जुलूस यहां से निकलकर क्रॉस स्ट्रीट सेक्टर-१ होते हुए आगे बढ़ा। जुलूस करीब ६ बजे जामा मस्जिद सेक्टर-६ पहुंचा। यहां हर तरफ बच्चों और महिलाओं की भीड़ दिखाई पड़ रही थी। जुलूस के मस्जिद पहुंचते ही परचम कुशाई की रस्म अदा की गई। जामा-मस्जिद ट्रस्ट ने जुलूस का स्वागत किया।

नबी की शान में लुटाया लंगर
शहर में फरीद नगर, खुर्सीपार, कैम्प-१ और २ क्षेत्र के लोगों ने अपने-अपने घरों को शानदार तरीके से सजाया। कहीं फूलों से अपने घरों का डेकोरेशन किया गया तो कहीं दिलकश झांकियां सभी का दिल जीत रही थी। चौक चौराहों पर बच्चों के लिए खाने-पीने की चीजों के स्टॉल लगाकर सुबह इसे तकसीम किया गया। इसके अलावा नबी की शान में लंगर भी लुटाया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने लंगर में शामिल हुए। साथ ही सभी लोग जुलूस में भी शामिल हुए।

तकरीर में कराया हजरत पैगम्बर की शान से रूबरू
सेक्टर-६ जामा मस्जिद की तकरीर में हजरत पैगम्बर की शान से सबको रूबरू कराया गया। ईद मिलाद उन्नबी के जुलूस में शामिल होने मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस दिन अपना कारोबार बंद रखा। मस्जिदों में मिलाद की महफिल, कुरआन ख्वानी, फातिहा, नात ख्वानी की गई। मुस्लिम धर्म में मान्यता हैं कि हजरत मोहम्मद साहब ने ही इस्लाम धर्म की स्थापना की और वे इस्लाम के आखिरी नबी माने जाते हैं।

जुलुसे मोहम्मदी की कीयाद हजऱते अल्लामा मौलाना माज़ अशरफ़ी अशरफ़ुल जिलानी किछोछा ने की
पैगंबरे इस्लाम की यौमे पैदाईश पर मुस्लिम समाज ने जामा मस्जिद इंदिरा मार्केट से जोहर की नमाज के बाद दोपहर दो बजे जुलूस निकाला। इसकी शुरुआत सुबह मस्जिद में परचम कुशाई से हुई। इसके बाद तकरीर हुई और फिर जुलूस निकाला गया। जुलुसे मोहम्मदी की कीयाद हजऱते अल्लामा मौलाना माज़ अशरफ़ी अशरफ़ुल जिलानी किछोछा ने की साथ ही जामा मस्जिद की इमाम शाहनवाज़ अशरफी साहब मंसूर रज़ा ख़ातिबो इमाम अक्स मस्जिद तकिया पारा मौलाना अरशद रज़ा साहब इमाम नूरी मस्जिद केलाबड़ी दुर्ग ने आज जुलुस की कीयाद की, जुलूस जामा मस्जिद से निकलकर तकियापारा, जीई रोड, पुराना बस स्टैंड, पटेल चौक होते हुए ईदगाह पहुंचा। गंजपारा से शनिचरी बाजार होते हुए वापस जामा मस्जिद पहुंचा। जहां परचम कुशाई कर सलातो-सलाम का नजराना पेश किया गया। फजर की नमाज के बाद से ही शहर में नबी की सदाएं गूंजने लगी। जुलूस में जामा मस्जिद, तकियापारा, केलाबाड़ी सहित अन्य मस्जिदों के इमाम व उलेमा शामिल हुए। उलेमाओं का फूलों के हार पहनाकर स्वागत किया गया।
इमामो खतीब ने पैगम्बर हजरत मोहम्मद की जिंदगी और उनके संदेशों का जिक्र करते हुए तकरीर की। जुलूस के दौरान लोग एक दूसरे को ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद देते रहे। छोटे-छोटे बच्चे भी हाथों में परचम लेकर नबी की आमद मरहबा के नारे बुलंद करते रहे। पूरे जुलूस मार्ग में आका की शान में अदब और एहतेराम से नारे लगाए गए। शहर में कई जगहों पर जुलूस में शामिल लोगों पर फूल बरसाकर उनका इस्तकबाल किया गया। दर्जनों कमेटियों ने जगह जगह शरबत, तबर्रूक तकसीम किया।


जुलूस का स्वागत
विधायक अरूण वोरा,सिख समुदाय के प्रमुख लोगों ने जुलूस का स्वागत किया। जूलूस के दौरान सीरत पाक कमेटी के सदर हाजी साजिद, अनीस रजा, पार्षद अब्दुल गनी, रऊफ कुरैशी, अय्यूब खान, अमीर तिगाला, नासिर खोखर, अहमद निजामी, अब्दुल लतीफ ,रज्जब अली, रजा खोखर, पार्षद हमीद खोखर, मोहम्मद असलम, शराफत अली, साजिद अली मौजूद थे।