
मजदूर की बेटी, PET में 813 रैंक, इंजीनियरिंग कॉलेज की फीस भरने पैसे नहीं, आपकी मदद से शायद सच हो जाएंगे मासूम के सपने
दुर्ग.इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने में गायत्री पटेल की आर्थिक स्थिति आड़े आ रही है। पीईटी में 813 रैंक आने के बाद भी वह फीस के अभाव में कॉलेज के कैंपस तक नहीं पहुंच पा रही है। रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल ब्रांच (काउसलिंग सूची) में उसका नाम है। 18 साल की गायत्री पटेल का कहना है कि अगर फीस की व्यवस्था हो जाती है तो वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर लेगी।
मजदूरी करके मां भरती है बच्चों का पेट
दरअसल गायत्री की माली स्थिति बेहद खराब है। महज एक एकड़ की पैतृक जमीन है। जिससे जैसे तैसे परिवार का गुजारा होता है। पिता के मनोरोगी होने के कारण मां को गांव में मजदूरी करना पड़ रहा है। वह बताती है कि घर में तीन भाई बहनों में बड़ी है। बचपन से उसे पढऩे की इच्छा है। 12 वीं तक वह जैसे तैसे पढ़ाई कर ली, लेकिन आगे की पढ़ाई करने में घर की आर्थिक स्थिति बाधा बनी हुई है।
दो साल प्रयास में रहकर पढ़ी
गायत्री मूलत: बालोद जिला के नाहदा(देवरी) की रहने वाली है। दो साल पहले वह सिविल लाइन स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित विज्ञान विकास केन्द्र के प्रयास स्कूल में दाखिला ली।
यहीं रहते उसने 12 वीं की पढ़ाई में 92.2 अंक लेकर परीक्षा उतीर्ण की। साथ ही साथ पीईटी की तैयारी भी कर रही थी। उसे विश्वास था कि पीईटी में उसके अच्छे नंबर आएगें। तब वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई में होने वाले खर्च का अनुमान नहीं लगा पाई थी।
आप करना चाहते है तो करे संपर्क
होनहार बेटी की पढ़ाई के लिए अगर आप मदद करना चाहते है तो दुर्ग पत्रिका या फिर भिलाई कार्यालय में सपंर्क कर सकते हैं। सामाजिक, राजनैतिक व स्वयं सेवी संगठन के सदस्य गायत्री का फीस सीधे कॉलेज पहुंचकर वहां भी जमा कर सकते हैं।
Published on:
27 Jun 2018 04:11 pm
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