
IIT Bhilai: आईआईटी भिलाई प्रदेश के युवाओं के लिए जल्द ही स्टार्टअप प्रमोशन स्कीम लॉन्च करने जा रहा है। स्टार्टअप के क्षेत्र को मजबूती देने पहले आईआईटी को भारतीय स्टेट बैंक एक करोड़ रुपए की राशि दे चुका है। वहीं आने वाले समय में और भी संस्थाओं के सीएसआर मद से फंड जुटाकर इन्क्यूबेशन सेंटर की तर्ज पर आईआईटी भिलाई स्टार्टअप को बढ़ावा देगा।
इस राशि का इस्तेमाल कर आईआईटी अपने विद्यार्थियों के साथ छत्तीसगढ़ के उन वोकल फॉर लोकल स्टार्टअप को आगे बढ़ाने में करेगा। आईआईटी रूरल डेवलपमेंट को लेकर शुरू होने वाले स्टार्टअप को प्राथमिकता सूची में रखेगा। ऐसे युवा जो क्षेत्र की किसी समस्या का समाधान खोजने की काबिलियत रखते हैं, उन्हें उनकी रिचर्स के लिए फंड और एक्सपर्ट का ज्ञान दोनों दिया जाएगा।
आईआईटी भिलाई को सामाजिक उत्तरदायित्व शाखा यानी सीएसआर से दिया गया है। इससे पहले भी आईआईटी भिलाई ने कई प्रमुख संस्थानों से रिसर्च एंड इन्क्यूबेशन ग्रांट हासिल की है। सीएसआर से मिलने वाली राशि का उपयोग करते हुए आईआईटी अब विशेष इन्क्यूबेशन विभाग डेवलप करेगा। इसका मकसद सोशल इपैक्ट में रुचि रखने वाले उन स्टार्टअप की मदद करना है, जो ग्रामीण क्षेत्र में बिना किसी बड़े बदलाव के उन्नत बनाने की सोच रखते हैं।
छत्तीसगढ़ के युवाओं में भी ढेरों संभावनाएं है। आईआईटी अपने विद्यार्थियों को स्टार्टअप की दिशा दिखाने के साथ अब प्रदेश में भी स्टार्टअप का कल्चर शुरू करेगा। अभी तक छत्तीसगढ़ में कई ऐसे युवा हैं, जिनके पास स्टार्टअप का बढ़िया आइडिया तो है लेकिन वे मार्गदर्शन और फंड की कमी के कारण आगे नहीं बढ़ पाते। उनके पास फंड जनरेट करने के लिए प्रदेश छोड़कर मेट्रो सिटीज का रुख करने का ही एक मात्र रास्ता होता है। छत्तीसगढ़ में आईआईटी इस गैप को दूर करने में मददगार साबित होगा।
देश की टॉप कंपनियों में उच्च पदों पर बैठे कई अधिकारियों की शुरुआत आईआईटी से ही हुई है। इसी तरह ओला और लिपकार्ट जैसा कंपनी को शुरू करने वाले फाउंडर आईआईटी की ही देन हैं। इन्होंने पढ़ाई के दौरान ही स्टार्टअप की दिशा चुना और कामयाब हुई। इनके सपनों को आगे बढ़ाने में आईआईटी साथ खड़ा रहा। अब ठीक वैसा ही माहौल आईआईटी भिलाई भी अपने विद्यार्थियों को देगा। शुरुआत छत्तीसगढ़ की प्रॉब्लम स्टेटमेंट को समझकर बिजनेस के रूप में उनका समाधान पेश करने से होगी।
बच्चे की श्वास नली में फंसा चना, गले से आने लगी सीटी की आवाज
दुर्ग जिले के धमधा में लगभग ढाई साल के बच्चे को उसकी दादी अंकुरित चने खिला रही थी। बच्चा किलकारियां मारता चने खा रहा था कि एकाएक उसकी किलकारियां बंद हो गईं। यहां पढ़ें पूरी खबर
Updated on:
03 Dec 2024 01:41 pm
Published on:
21 Aug 2024 03:43 pm
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