13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

50% व्यापारी व ट्रांसपोर्ट्स ने इ-वे बिल के लिए पोर्टल पर नहीं कराया पंजीयन, 10 दिन पहले हो गया प्रदेश में लागू

इंट्रा स्टेट इ-वे बिल एक जून से प्रदेश में लागू हो गया है। रविवार को इसने 10 दिन पूरे हो जाएंगे।

2 min read
Google source verification

भिलाई

image

Dakshi Sahu

Jun 10, 2018

PATRIKA

50% व्यापारी व ट्रांसपोर्ट्स ने इ-वे बिल के लिए पोर्टल पर नहीं पंजीयन कराया, 10 दिन पहले हो गया प्रदेश में लागू

भिलाई. इंट्रा स्टेट इ-वे बिल एक जून से प्रदेश में लागू हो गया है। रविवार को इसने 10 दिन पूरे हो जाएंगे। फिलहाल व्यापारियों व ट्रांसपोर्टर बिरादरी को कुछ दिन और राहत दी गई है। दुर्ग सहित प्रदेशभर में सेल टैक्स विभाग की टीम वाहनों की जांच करने मुस्तैदी से सड़क पर उतरी है, लेकिन इस बीच एक भी वाहन पर इ-वे बिल नहीं होने की वजह से जुर्माना नहीं लगाया गया है।

विभाग के पास सुरिक्षत रहेगा ब्योरा
हालांकि जिन वाहनों में बिना बिल 50 हजार रुपए से अधिक का सामान मिला है, उनकी पूरा ब्योरा विभाग अपने पास सुरक्षित रख रहा है। यदि दोबारा से यही स्थिति बनती है तो विभाग जुर्माना लगाने से भी नहीं कतराएगा। जिन ट्रांसपोर्टरों के पास से इनवॉइस नहीं मिला है, उन्हें इ-वे बिल जनरेट करने के संबंध में भी जानकारी दिए जाने की योजना है।

क्या है इंट्रा स्टेट इ-वे बिल
इंट्रा स्टेट इ-वे बिल के तहत 50 हजार से अधिक के सामान पर व्यापारी को इलेक्ट्रॉनिक बिल देना जरूरी होगा। प्रदेश में दूसरों राज्यों से आने या भेजे जाने वाले सामानों पर तो इंटर स्टेट ई-बे बिल लग रहा है, लेकिन एक जून से एक ही शहर में सामान का परिवहन करने पर भी इ-वेल बिल अनिवार्य हो गया है।

पंजीयन की स्थिति अब भी साफ नहीं हो पाई
अब भी 50 फीसदी व्यापारी व ट्रांसपोर्ट्स ने इ-वे बिल के लिए पोर्टल पर पंजीयन कराया ही नहीं है। विभाग के पास भी इस संबंध में पुख्ता आंकड़े नहीं है। भिलाई चेंबर ऑफ कॉमर्स व ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन को भी जानकारी नहीं दी जा सकी है। माल-वाहनों को समझाइश देकर छोड़े जाने के पीछे यह भी एक बड़ी वजह हो सकती है।

ट्रांसपोर्टर व व्यापारियों को राहत
डिप्टी कमिश्नर सेल टैक्स गोपाल वर्मा ने बताया कि वाहनों के पास इनवॉइस नहीं है, उन्हें फिलहाल समझा कर छोड़ा जा रहा है। सामान भेजने वाले की जानकारी ले रहे हैं। ऐसे मामले में यदि दोबारा इ-वे नहीं मिला तो कार्रवाई होना तय है। अभी ट्रांसपोर्टर व व्यापारियों को राहत है।