हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने कहा है कि परीक्षाएं समाप्त होने के बाद नकल के सभी प्रकरण यूनिवर्सिटी अनफेयर मींस यूएफएम कमेटी कौ सौंपे जाएंगे। मोबाइल से नकल सहित तमाम प्रकरणों की जांच करने के बाद कमेटी के सदस्य परीक्षार्थी को ए, बी, सी, डी और ई केटेगरी में रखेंगे। मोबाइल फोन में पीडीएफ और फोटों का प्रश्नपत्र से मिलान करने पर यदि उत्तर मिलता है तो इन परीक्षार्थियों की पूरी परीक्षा निरस्त की जा सकती है।
परीक्षा उपकुलसचिव डॉ. राजमिण पटेल ने बताया कि नकल करने के लिए मोबाइल लेकर आने वाली कुछ छात्र-छात्राओं को रंगे हाथों पकड़ा गया है, जो प्रकरण बनने के बाद रोने-गिड़गिड़ाने लगीं। उनका कहना था कि सभी दूसरे शहरों से भिलाई-दुर्ग में रहकर पढऩे आए हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय यदि उनके मोबाइल फोन जब्त करता है तो उनको दैनिक कार्यों के लिए परेशानी हो जाएगी। ऐसे में इन परीक्षार्थियों और पालकों ने फोन जब्त नहीं करने का आग्रह किया।
परीक्षार्थियों ने आग्रह किया कि वे शहर में मकान किराए पर लेकर रहते हैं और उन्हें दैनिक खर्च के लिए मोबाइल से ऑनलाइन पेमेंट की जरूरत होती है। इस पर संज्ञान लेते हुए कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया है कि मोबाइल से नकल प्रकरण दर्ज होने पर परीक्षा हॉल में ही विद्यार्थी के फोन से दस्तावेज प्रिंट करा कर उसपर संबंधित विद्यार्थी, कक्ष निरीक्षक और परीक्षा केन्द्र के प्राचार्य के हस्ताक्षर लिए जाएंगे। परीक्षार्थी को अब उनका मोबाइल फोन तुरंत वापस कर दिया जाएगा।
हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की आधी वार्षिक परीक्षाएं समाप्त हो चुकी है। इनमें बीसीए और बीकॉम की परीक्षाएं प्रमुख हैं। स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाएं 23 अपै्रल तक जारी रहेगी। अबतक विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा के 70 परीक्षा केन्द्रों से लगभग सात लाख उत्तरपुस्तिकाएं विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुकी है। इनमें से लगभग पांच लाख उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन खत्म होने के करीब है।
डीएसडब्ल्यू डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने कहा कि कुलपति ने निर्णय लिया है कि अब नकल प्रकरणों में जब्त मोबाइल फोन परीक्षार्थी को तुंरत लौटा दिए जाएंगे। पहले मोबइल जब्त कर लिया जाता था। जिसे बाद में यूएफएम कमेटी की बैठक के बाद लौटाते थे। परीक्षार्थियों और उनके पालकों ने इसके लिए विशेष आग्रह किया था।