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पीएम आवास, 3 माह तक जद्दोजहद के बाद मिल रहा था सपनों का आशियाना, विधायक के फोन से अटका

नगर निगम, भिलाई ने अब तक 13 बार लॉटरी निकालकर लोगों को मोर मकान मोर आस, मोर मकान मोर चिन्हारी के तहत 1741 मकान आवंटित किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोग आवेदन करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 3 माह से अधिक का वक्त लगता है। तब जाकर लॉटरी निकालने की स्थिति तक पहुंच पाते हैं। 27 फरवरी 2024 को इसी तरह से लॉटरी निकालकर जिन 58 लोगों ने निगम में पैसा जमा किया है, उनमें से 36 आवास आवंटित किया जाना था। तारीख तय होने के बाद विधायक ने आवंटन रोकने फोन कर दिया। तब से आवंटन रुक गया है।

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भिलाई

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Abdul Salam

Mar 19, 2024

पीएम आवास, 3 माह तक जद्दोजहद के बाद मिल रहा था सपनों का आशियाना, विधायक के फोन से अटका

पीएम आवास, 3 माह तक जद्दोजहद के बाद मिल रहा था सपनों का आशियाना, विधायक के फोन से अटका

आसान नहीं प्रोसेस

पीएम आवास योजना के तहत किराएदार को मकान ऐसे ही नहीं दिया जाता है। इसके लिए पहले मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मतदाता सूची में नाम, किरायानामा, राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र की जरूरत पड़ती है। यह सारे दस्तावेज है, तब निगम में आवेदन करने के लिए दो दिन कतार में लगना पड़ता है। तब आवेदन जमा हो पाता है।

यहां लगता है 30 दिन

पीएम आवास के 36 मकान के लिए 421 आवेदन निगम में पहुंचे। इसकी स्कूटनी में करीब 30 दिन लग गए। स्कूटनी के बाद बचे हुए नामों को दस्तावेज के साथ निगम स्तरीय समिति के पास भेजा जाता है।

25 दिन दावा आपत्ति और निराकरण में

निगम स्तरीय कमेटी इन स्कूटनी के बाद आए आवेदनों की जांच करती है। इसके बाद वहां से अनुमोदन किया जाता है। इस लिस्ट पर दावा आपत्ति किया जाता है। 15 दिन दावा आपत्ति के लिए दिया जाता है। इसके बाद दावा आपत्ति के निराकरण में 10 दिन लग जाता है। इस तरह से 25 दिन वहां गुजर जाते हैं।

421 आवेदन में 58 ने जमा किया पैसा

दावा आपत्ति के बाद 421 आवेदन सही पाए गए। इनको राशि जमा करने के लिए कहा गया। इसमें से 36 मकान के लिए 58 ने पैसा जमा किया। इसके बाद कलेक्टर, दुर्ग के पास स्वीकृति व लॉटरी की तारीख को लेकर आवेदन गया। वहां से स्वीकृति मिली।

27 फरवरी को होनी थी लॉटरी

27 फरवरी को लॉटरी होनी थी, इसके लिए लाभार्थियों को सूचना भी मिल गई। तीन माह तक पूरा प्रोसेस होने के बाद, यह एक तारीख तय होती है। 58 आवेदकों में कौन 36 खुशकिस्मत होगा, जिनको सपनों का आशियाना मिलेगा।

घन-घनाया फोन

यह सबकुछ तय होता, इसके पहले निगम के बड़े अधिकारी का फोन घन-घनाया, दूसरी तरफ विधायक महोदय थे, उन्होने कहा पीएम आवास की लॉटरी अभी नहीं करना है। इस एक लाइन की बात का असर सीधे पीएम आवास की लॉटरी पर पड़ा। आवासों का आवंटन को अज्ञात कारणों से टाल दिया गया। निगम के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त में बताया कि विधायक का फोन आया था, तब लॉटरी रोका गया है। अब आचार संहिता लग गई है, इससे चुनाव परिणाम आने तक गरीबों को मिलने वाले आशियाने पर ग्रहण लग गया है।