
देवेंद्र गोस्वामी@भिलाई . भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai steel plant) की नई यूनिट ओएचपी, गैस होल्डर प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा निजी सुरक्षा कर्मियों को सौंपी जा रही है। आने वाले समय में स्टील मेल्टिंग शॉप-3 के सुरक्षा का जिम्मा भी निजी हाथों में दिए जाने की तैयारी है। अब तक बीएसपी के सुरक्षा से संबंधित जिम्मा सीआईएसएफ (CISF) के पास थी। पहली बार है जब इसे निजी हाथों में दिया गया है। एक्सपांशन प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद नई यूनिट की सुरक्षा के लिए दो साल पहले ही बीएसपी और सीआईएसएफ ने फिर से सर्वे रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें बीएसपी व उसके खदान की सुरक्षा के लिए वर्तमान में तैनात 1400 सीआईएसएफ जवानों की संख्या बढ़ाकर 2100 करने का प्रस्ताव तैयार किया गया। सेल की ओर से इस प्रस्ताव को गृह मंत्रालय भेजा जाना था। अब तक मामला ठंडे बस्ते में है। बीएसपी की सुरक्षा को एक्सपांशन के बाद और बेहतर करने की कवायद है। संयंत्र के भीतर चोर कई रास्ते से प्रवेश कर रहे हैं। सीआईएसएफ चाहती है कि अब उन रास्तों पर भी जवानों को तैनात कर दिया जाए। इसके साथ-साथ नए यूनिट जहां शुरू किए जा रहे हैं। वहां भी पोस्ट बनाया जाए। सर्वे टीम ने रिपोर्ट में बताया है कि बीएसपी, नंदिनी, हिर्री, राजहरा में सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने कम से कम और 700 जवानों की जरूरत है।
यहां लगेंगे नए पोस्ट
सीआईएसएफ के नए पोस्ट यूनिवर्सल रेल मिल, एसएमएस-3, बीआरएम, ब्लास्ट फर्नेस-8, ओएचपी फेस-2, राजहरा, नंदिनी, हिर्री खदान में लगने हैं। संयंत्र प्रबंधन ने सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव तैयार कर सेल को भेजा, जिसे सेल के माध्यम से गृह मंत्रालय भेजा जाना है।
बढ़ानी होगी कैमरों की संख्या
बीएसपी 9,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है। इसको देखते हुए संयंत्र के गेट व विभागों में लगाए गए कैमरों की संख्या कम है। बीएसपी में सबसे अधिक चोरी स्टोर से होती है, सबसे पहले वहां चारों ओर कैमरा लगाने की जरूरत है। बीएसपी के मेन स्टोर से विदेशी सामान तक पार हो चुके हैं। स्टोर की छत को खोलकर व दीवार को गिराकर चोरों ने सामान पार किए हैं। प्लांट के अंदर 60 स्थानों पर सर्वेलांस सिस्टम लगाए गए हैं। इनमें 15 दिन का फुटेज रहता है। इसे बढ़ाकर 90 दिन करने की बात कही जा रही है। इसका नियंत्रण सीआईएसएफ कंट्रोल रूम से किया जा सकता है।
12 जवान होते हैं हथियार से लैस
संयंत्र के 6 गेट पर तीनों शिफ्ट में 2-2 हथियार से लैस 12 जवान मौजूद रहते हैं। संयंत्र के भीतर में 500 मीटर के एक शॉप पर अकेले जवान ड्यूटी देते हैं। इनको सीआईएसएफ महज डंडा ही प्लांट व खुद की सुरक्षा के लिए मुहैया करवाती है। इसके अलावा एक सीआईएसएफ की टीम गश्त करती है। तीनों शिफ्ट में यह टीम अलग-अलग शॉप में गश्त करती है। सीआईएसएफ की क्यूआरटी टीम भी तीनों शिफ्ट में गश्त करती है। टीम में तीन सदस्य होते हैं। बीएसपी में सीआईएसएफ की 6 कंपनियां मूवमेंट करती हैं, एक कंपनी की क्षमता 120 की है।
ये जगह हैं चोरों के लिए संयंत्र में प्रवेश करने के लिए महफूज
- जोरा तराई गेट व पुरैना
संयंत्र में जोरा तराई गेट के समीप से प्रवेश करने वाले चोर पकड़ में आते हैं, तो वे पुरैना जा रहे है बताकर बचने की कोशिश करते हैं। वहीं पुरैना से संयंत्र में प्रवेश करने वाले लोग पकड़े जाने पर जोरा तराई जाने की बात कहकर बचने की कोशिश करते हैं। चोर उस वक्त इन बहानों से बचने में कामयाब नहीं होते जब उनके हाथ में कॉपर होता है।
- यहां लगी है सिर्फ जाली
खुर्सीपार स्थित रोलिंग मिल गेट के समीप बीएसपी ने दीवार की जगह सिर्फ जाली का घेरा लगा रखा है। इस तरह के स्थानों से चोर आसानी से प्रवेश कर जाते हैं। रात के वक्त जब पूरी तरह से अंधेरा पसरा रहता है, उस समय चोर यहां आसानी से प्रवेश कर जाते हैं।
- यहां लगाना होगा गेट
बीएसपी ने भिलाई तीन की ओर से संयंत्र में प्रवेश करने वाली मालगाड़ी के लिए गेट लगा रखा है। इस गेट को तब खोलते हैं, जब मालगाड़ी आती है। यहां टॉवर में जवान भी तैनात रहते हैं। ऐसी व्यवस्था मरोदा की ओर से आने वाली मालगाड़ी के लिए नहीं है। यहां से कोई भी मालगाड़ी के साथ-साथ आ सकता है। जनसंपर्क विभाग, बीएसपी के अनुसार मॉडेक्स के बाद रिक्वायरमेंट बड़ा है। प्रबंधन इस पर विचार कर रही है।
बीएसपी के गेट में सीआईएसएफ जवानों की संख्या
मेनगेट - 12
बोरिया गेट- 10
मरोदा गेट- 10
खुर्सीपार गेट- 10
रोलिंग मिल गेट- 10
जोरातराई गेट- 10
Published on:
23 Dec 2021 08:43 am
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